संसद में बोले पीएम- घाटी से 1990 में पंडितों के पलायन के बाद कश्मीर की पहचान हुई दफन; सीएए से किसी भारतीय को खतरा नहीं

नई दिल्ली : बजट सत्र के छठे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर गुरुवार को लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर भाषण दिया। जिसमें उन्होंने अपने कार्यकाल में किए कई कामों का उल्लेख करते हुए विपक्ष पर हमला बोला। भाषण के बाद लोकसभा से धन्यवाद प्रस्ताव को पास कर दिया गया है। 

पीएम ने कहा, “राष्ट्रपति ने न्यू इंडिया के लिए विजन पर प्रकाश डाला है। उनका संबोधन ऐसे समय आया जब हम सदी के तीसरे दशक में प्रवेश करते चुके हैं। उनका अभिभाषण आशा की भावना पैदा करता है और भविष्य में देश को आगे ले जाने के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत करता है।” पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा दिए गए बयान अस्वीकार्य थे। ये ऐसे नेता हैं जो कश्मीरी लोगों पर भरोसा नहीं करते हैं, इसलिए उन्होंने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया लेकिन हमने कश्मीरियों पर भरोसा किया और अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया।” आगे उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 19 जनवरी 1990 को घाटी से पंडितों के पलायन के बाद कश्मीर की पहचान दफन कर दी गई।

‘गांधी आपके लिए ट्रेलर पर हमारे लिए जिंदगी’

वहीं, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में पीएम के आते ही ‘महात्मा गांधी के घर चलो’ के नारे लगाते हुए विरोध जताया जिसके बाद पीएम मोदी ने तंज कसते हुए कहा, “आपके लिए महात्मा गांधी ट्रेलर हो सकते हैं, पर हमारे लिए गाँधी जी जिंदगी है।” पीएम के भाषण के बाद राहुल गांधी ने कहा कि वो हर मूद्दों पर बात करते हैं पर बेरोजगारी पर एक शब्द नहीं बोलते। बता दें कि इसके बाद पीएम मोदी राज्यसभा में भाषण देंगे।

‘बेरोजगारी पर पीएम ने नहीं बोला एक भी शब्द’

पीएम मोदी के भाषण के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “आज का सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी और नौकरियां हैं। हमने कई बार पीएम से पूछा, लेकिन उन्होंने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा। इससे पहले, वित्त मंत्री ने एक लंबा भाषण दिया था लेकिन उन्होंने भी इस पर एक शब्द नहीं बोला। पीएम मोदी की शैली देश को मूल मुद्दों से विचलित करने की है। वह कांग्रेस की बात करते हैं। जवाहरलाल नेहरू, पाकिस्तान और अन्य चीजों की, लेकिन मूल मुद्दों की बात नहीं करते।

‘दंगे भड़काने वाले को मुख्यमंत्री बनाया’

सिख दंगों पर बोलते हुए पीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “आपने सिख विरोधी दंगों के आरोपी लोगों को जेल नहीं भेजा। इतना ही नहीं, आपने ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री भी बनाया जिस पर सिख विरोधी दंगे भड़काने के आरोप हैं।”

‘सीएए से किसी भारतीय को खतरा नहीं’

पीएम ने सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) को लेकर संसद में कहा, “मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहत हूं कि सीएए से हिन्दुस्तान के किसी भी नागरिक पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं होने वाला है। चाहे वह किसी भी धर्म के हो। फिर भी जिन्हें देश की जनता ने नकार दिया है वे वोट बैंक के लिए ऐसी राजनीति कर रहे हैं।”

राहुल के वार पर पीएम का पलटवार

पीएम ने लोकसभा में राहुल गांधी के दिए एक बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “मैंने कांग्रेस के एक नेता का कल वक्तव्य सुना कि 6 महीने में मोदी को डंडे मारेंगे। ये काम थोड़ा कठिन है क्योंकि तैयारी में ही 6 महीने लगते हैं। अब मैंने भी तय किया है कि 6 महीने में सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा। ताकि 6 महीने के बाद मेरी पीठ को हर डंडा सहने की ताकत मिले।”

‘केवल सरकार नहीं सरोकार भी बदला’

पीएम मोदी ने धन्यवाद प्रस्ताव में कहा, “भारत के नागरिकों ने न केवल सरकार को बदल दिया है। वे चाहते हैं कि ‘सरोकार’ को भी बदल दिया जाए।” आगे कहा, “अगर हमने पुराने तरीकों और विचारों के अनुसार काम किया होता तो अनुच्छेद 370 को कभी भी निरस्त नहीं किया जाता। साथ ही मुस्लिम महिलाएं तीन तालक के कारण पीड़ित बनी रहतीं। अगर हम पुराने तरीकों के अनुसार काम करते तो राम जन्मभूमि का मुद्दा अनसुलझा बना रहता। करतारपुर साहिब कॉरिडोर नहीं बन पाता। भारत-बांग्लादेश भूमि समझौता नहीं होता। कांग्रेस के समय में सिर्फ कागज पर समझौते करके वाहवाही बटोरी।”

‘देश नहीं कर सकता इंतजार’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब समस्याओं के सुलझने का इंतजार नहीं कर सकता। और, ठीक ही तो है। इसीलिए हमारा लक्ष्य गति और पैमाना, दृढ़ संकल्प और निर्णायकता, संवेदनशीलता और समाधान करना है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के कई संगठन के लोगों ने अपने हथियार छोड़े हैं। हमने वोडो समस्या के समाधान पर समझौता किया है।

‘पीएम किसान योजना का लाभ’

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीति से प्रेरित, कुछ राज्य किसानों को ‘पीएम-किसान योजना’ से लाभान्वित नहीं होने दे रहे हैं। मैं उनसे अपील करना चाहता हूं कि कृपया कृषक कल्याण में कोई राजनीति न करें। भारत के किसानों की समृद्धि के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कारण किसानों ने एक विश्वास पैदा हुआ है। किसानों की तरफ से करीब 13 हजार करोड़ रूपए का प्रिमियम आया, लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण जो नुकसान हुआ उसके लिए उन्हें करीब 56 हजार करोड़ रूपए इस बीमा योजना से प्राप्त हुए।

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