गरियाबंद | वन विभाग की एडवाइजरी : अकेले ना जाए जंगल, वन्यजीवों से रहें सतर्क

फारूक मेमन

गरियाबंद: गरियाबंद के आस-पास चिखली बारूका तथा कस गांव में बीते 3 दिनों में तेंदुए का आतंक काफी बढ़ गया है,वन विभाग भी यह मान रहा है कि लाकडाउन के चलते जंगल में लोगों की आवाजाही कम हुई है और अब उल्टा वन्यजीव जंगल की बजाए गांव के आसपास पहुंच गए हैं वन विभाग ने बच्चों और बूढ़ों को तो अपनी बॉडी तक में जाने से मना किया है विशेषकर शाम के समय दरअसल वन विभाग को भी वन्यजीवो से लोगों को खतरा होने का अंदेशा है

दरअसल कुछ दिन पहले मरोदा ग्राम पंचायत में तेंदुए द्वारा एक बच्चे को घर के आंगन से उठा लिए जाने के बाद बच्चे की हुई मौत से जहां पूरा जिला दहल गया वही इसके बाद वन विभाग ऐसी घटनाओं को लेकर काफी परेशान है कई बार तेंदुआ गांव के भीतर पहुंचने की घटनाओं को देखते हुए वन विभाग ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है अपील के रूप में कहीं जा रही एडवाइजरी में वन मंडल अधिकारी ने वनोपज संग्रहण आदि के लिए भी लोगों को जंगल अकेले ना जाने तथा काफी सावधानी पूर्वक जाने की सलाह दी है शाम 6:00 बजे के बाद किसी भी स्थिति में जंगल ना जाने को कहा गया है। डीएफओ ने स्वयं का तथा आधा दर्जन अन्य अधिकारियों का फोन नंबर सार्वजनिक करते हुए इन पर वन्य प्राणियों से संबंधित सूचना देने की अपील की है

वन मंडल अधिकारी ने अपील जारी करते हुए कहा है कि गरियाबन्द जिला वन क्षेत्रा होने के साथ-साथ वन्यप्राणी बाहुल्य जिला है। जिले में तेन्दूआ, भालू एवं अन्य वन्यप्राणी ब आईओहुतायत में पाये जाते है। कोरोना संक्रमण के कारण पुरा प्रदेश लाॅक डाऊन है और लाॅक डाऊन के दौरान जन सामान्य के दैनिक कार्यप्रणाली में अन्तर आया है। वन क्षेत्रों में मानव दबाव कम होने एवं माहौल शांत होने के कारण वन्यप्राणी वनों से खुले क्षेत्रा में गांव की ओर आने लगे है। पिछले कुछ दिनांे से लाॅक डाऊन के पश्चात वनों के करीब एवं वनों से घिरे हुये गांव में तेन्दूआ, भालू एवं अन्य वन्यप्राणी के विचरण की सूचना विभाग को निर्देश निरतर प्राप्त हो रही है।

विगत दिनों दिनांक 24 अप्रैल की रात्रि में वन्यप्राणी तेन्दुआ गरियाबंद के आसपास के गांव बारूका, चिखली, कस तथा 25 अप्रैल की रात्रि में चिखली गांव में वन्यप्राणी के विचरण एवं शिकार की सूचना मिली है। वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं स्वयं की सुरक्षा हेतु कई बातों का ध्यान रखा रखना आवश्यक है जिससे कोई अप्रिय घटना घटित न हो। कोई भी व्यक्ति अकेले जंगल न जाए। महुआ बिनने या अन्य वनोपज के संग्रहण के लिए जंगल जाने की जरूरत पड़ती है तो दिन में ही जावें , अकेले न जावे एवं सोशल डिस्टेण्ंिसग का ख्याल रखें। शाम को 06.00 बजे के बाद किसी भी स्थिति में जंगल में न रहें। वृद्ध एवं बच्चे घर में ही रहें वे जंगल कदापि न जावें। छोटे बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जावे। यह भी ध्यान सुनिश्चित करें की वे अपने बाड़ी में भी अकेले न घुमें। विशेषकर शाम के समय। किसी भी प्रकार से वन्यप्राणी द्वारा कोई घटना होती ह ैतो तत्काल वन विभाग को सूचित करें। आपके क्षेत्रा में यदि किसी भी प्रकार से कोई भी वन्यप्राणी का आवागमन होता है या वन्यप्राणी का रहवास क्षेत्रा है तो भी इसकी जानकारी वन विभाग को तत्काल देना सुनिश्चित करें।

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