मध्यप्रदेश हुआ तर, भारी बारिश से काली सिंध नदी उफान पर; इंदौर-बैतूल हाइवे दो घंटे से बंद, पीथमपुर में बाइक सवार बहे, जानिए पुरे प्रदेश की स्तिथि

भोपाल/इंदौर/ग्वालियर:

मध्यप्रदेश में जोरदार मानसून के बाद हो रही लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर पहुंच गए हैं। शनिवार को चापड़ा के पास काली सिंध नदी में उफान से इंदौर-बैतूल हाइवे दो घंटे से बंद है। वहीं रायसेन में भारी बारिश से बीना नदी उफान पर पहुंच गई है। कहूला पुल पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जिससे भोपाल सागर मार्ग बंद है। यहां पर 25 से ज्यादा गांवों से संपर्क टूट गया है। श्योपुर में दो दिन से हो रही लगातार बारिश से सीप नदी पर बना बंजारा डेम ओवरफ्लो हो गया है।

इंदौर में विगत 24 घंटे में साढ़े चार इंच बारिश होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भोपाल में साढ़े चार इंच से ज्यादा बारिश हाेने से कई इलाकों में पानी घरों में घुस गया। बड़ा तालाब में भी जल स्तर बढ़ा है। धार जिले के पीथमपुर में शनिवार सुबह उफने नाले को पार करते समय बाइक सवार दो लोग बह गए, जिनमें से एक को बचा लिया गया है, जबकि दूसरे की तलाश की जा रही है।

पीथमपुर थाना क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री से काम कर बाइक से घर लौट रहे सुनील (20) और संतोष (21) निवासी राजपुर (इंदौर) उफनते नाले में बह गए। प्रत्यदर्शियों ने सुनील को जैसे-तैसे बचा लिया, लेकिन संतोष तेज बहाव में बह गया। पीथमपुर पुलिस सूचना के बाद मौके पर पहुंची और युवक की तलाश में जुट गई।

श्योपुर में लगातर बारिश से नदी नाले उफान पर

श्योपुर में दो दिन से हो रही लगातार बारिश से सीप नदी पर बना बंजारा डेम ओवरफ्लो हो गया है। वहीं, वनांचल की सभी नदी-नाले उफान पर हैं। पिछले 36 घंटे में श्योपुर शहर में 77 मिलीमीटर बारिश हुई है। यहां अब तक 146 मिमी हो चुकी है। वहीं, बड़ौदा में 3 इंच बारिश हाेने से निचली बस्तियों में पानी भरने से जनजीवन पर असर पड़ा। वनांचल के कराहल तहसील और जंगली क्षेत्र में 4 इंच से ज्यादा बरसात होने से जंगल की अमराल , कदवाल, सीप, सरारी सहित कई नदियों में उफान पर हैं। बारिश के कारण ग्वालियर-श्योपुर नेरोगेज रेल मार्ग में भी बाधा उत्पन्न हुई। बारिश से सीप नदी पर बना बंजारा डेम ज्यादा ओवर फ्लो हो गया है।

रायसेन में कहूला पुल जलमग्न :

तहसील मुख्यालय गैरतगंज से 7 किमी दूर ग्राम बीनापुर स्थित कहूला पुल तेज बारिश के चलते जलमग्न हो गया है। प्रातः 10.30 बजे हुआ भोपाल सागर मार्ग बंद है। पुल के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लंबी कतारें लगी हैं। सुबह 9 बजे से हो रही लगातार तेज बारिश। अभी भी बारिश जारी। इसके बाद बेगमगंज-ग्यारसपुर मार्ग बंद, 20 गांवों का सड़क संपर्क टूटा  उदयपुरा,बरेली,गैरतगंज, बेगमगंज, गौहरगंज, सिलवानी में 5 से 6 घंटे तक हुई बारिश, रायसेन में दिन भर होती रही रिमझिम बारिश, 24 घंटे में हुई 3.54 सेमी बारिश, अभी धान रोपने लायक बारिश नहीं है।

रतलाम में रिकॉर्ड बारिश :

रतलाम जिले में 3.39 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। अब तक जिले में 14.18 इंच जबकि शहर में 17 इंच बारिश हो चुकी है। मंदसौर में इस वर्ष अब तक 10.7 इंच जबकि नीमच जिले में 11.44 इंच बारिश दर्ज की गई। खंडवा में नदी-नाले उफान पर हैं। बीते 15 घंटों के दौरान शहर में 6 इंच बारिश रिकाॅर्ड हुई। नागदा में बारिश के चलते चंबल नदी उफान पर है। यहां 36 घंटे में 8 इंच बारिश हुई।

खंडवा में गिरा 24 घंटे में छह इंच पानी :

खंडवा में 15 घंटे में 6 इंच बारिश हुई जो, पूरे प्रदेश में एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश है। लगातार बारिश से निचली बस्तियों और कॉम्पलेक्स में पानी भर गया, वहीं आबना नदी भी उफान पर आ गई तो तीन पुलिया भी लगभग डूब सा गया। सड़कें तालाब बन गईं। मौसम विभाग ने 10 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

झाबुआ में 11 दिन में 11 इंच पानी बरसा :

झाबुआ में 11 दिन 11 इंच बारिश होने से नदी तालाबों में भरपूर पानी आ गया। 2018 में 5 जुलाई तक 5 इंच के लगभग बरसात हुई थी। इस बारिश से जिले में नदियां लबालब हो गईं। ये नजारा शहर के पास डुंगरा गांव जाने वाले रास्ते पर अनास नदी और सुनार नदी के संगम स्थल का है। सुनार नदी यहां अनास में आकर मिल रही है। दोनों नदियों में भरपूर पानी है। इसके आगे रंगपुरा में बना बैराज भी लबालब हो चुका है। शुक्रवार को भी दिनभर रिमझिम बारिश हुई। सुबह से दोपहर तक ऐसे हाल रहे।

मंदसौर में तीसरे दिन भी बारिश 3 डिग्री गिरा तापमान:

मंदसौर में इस साल अब तक पिछले साल की तुलना में दोगुना बरसात हो चुकी है। गत वर्ष 5 जुलाई तक जिले में 5.1 इंच बरसात हुई थी। इस बार अब तक 10.7 इंच बारिश हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में मंदसौर में 2.8 इंच बारिश हुई। तेलिया तालाब 60 फीसदी भर गया है। हालांंकि इतनी बरसात के बाद भी गांधीसागर बांध में गतवर्ष की तुलना में 21 फीट पानी कम है।

शाजापुर में लखुंदर नदी का जल स्तर बढ़ा :

शाजापुर में लगातार बारिश ने कृष्णा कॉलोनी के रहवासियों के सामने परेशानी खड़ी कर दी। सुबह लोगों की नींद खुली तो घरों के अंदर तक बारिश का पानी घुस गया। लोगों ने सामान हटाते हुए पानी उलीचा। स्कूली बच्चों को कंधे पर बैठाकर उन्हें सड़क तक छोड़ना पड़ा। वहीं लखुंदर नदी का जल स्तर बढ़ा और करेड़ी रोड पर इसी साल 10 फीट ऊंची की गई पुलिया के ऊपर से नदी का पानी बह निकला। फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर पुलिया से निकलते रहे।

आगे क्या :

भारी बारिश की संभावना

6 से 10 जुलाई की अवधि के दौरान कम दबाव का क्षेत्र दक्षिण-पूर्व में उत्तर प्रदेश और उससे सटे पूर्वोत्तर मप्र में स्थित है और संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 4.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। पूर्वोत्तर राजस्थान, दक्षिण पूर्व, उप्र और इससे सटे पूर्वोत्तर मप्र पर निम्न दबाव का क्षेत्र तक औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक विस्तारित द्रोणिका के कारण आगामी 24 घंटों के दौरान पश्चिमी मप्र में तथा 6 से 10 जुलाई के दौरान पूर्वोत्तर मप्र के अधिकांश स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।

24 घंटे में बारिश की स्थति (मिमी)

  • शाजापुर -127.0
  • भोपाल – 118.2
  • इंदौर – 114.3
  • सागर – 53.0
  • खरगौन – 8.0
  • दमोह – 2.0
  • नौगांव – 41.0
  • जबलपुर – 5.6
  • सतना – 8.8
  • रीवा – 6.8
  • सीधी – 24.0
  • ग्वालियर -10.2
  • गुना – 5.0
  • उज्जैन – 62.0
  • रतलाम – 81.0
  • होशंगाबाद – 7.2
  • टीकमगढ़ – 45.0
  • खजुराहो – 0.8
  • धार – 84.2
  • उमरिया – 89.3
  • मलाजखंड – 47.2
  • नरसिंहपुर – 3.0
  • सिवनी-  25.4
  • मंडला – 39.0
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