“बिहान” के 276 समूहों के ने 16 लाख का, 761 क्विंटल लघुवनोपज का किया संग्रहण

संकट की परिस्थिति में भी सरकार ने किया आजीविका सुनिश्चित

फारूक मेमन


बिहान के 276 समूहों के 1 हजार 11 सदस्यों के माध्यम से 760.81 किवंटल वनोपज, कुल 16 लाख 31 हजार 955 रूपये का संग्रहण किया जा चुका है। जिमसें से समूह की दीदीयों ने
468.776 क्विंटल वन विभाग को 10 लाख 52 हजार 528 रुपये का बेचा गया है, शेष 292.05 क्विंटल वनोपज जो लगभग 5 लाख 79 हजार 427 रुपये का अपने पास स्टॉक कर रखा गया है, इसे उपयुक्त अवसर पर तत्काल वेच दिया जायेगा ।

गरियाबंद…गरियाबंद जिला 50 प्रतिशत से अधिक वनआच्छादित जिला है । जहां लघु वन उपज पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं ।ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का यह एक बहुत बड़ा आजीविका का साधन है । राज्य शासन द्वारा जब से 8 लघु वनोपज की खरीदी को बढ़ाकर 22 लघु वनोपजो को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की घोषणा की गई है ,तब से वनोंपजों का संग्रहण ब्यापक रूप से किया जा रहा है। बिहान की महिला सदस्य इस संकटकालीन अवसर में 16 लाख 32 हजार रुपये मूल्य के 761 क्विंटल लघुवनोपजों का संग्रहण कर चुकी है। यह राशि उनके आजीविका का एक अहम हिस्सा बन गया है ।ज्ञात है कि गांव गांव में अभी विहान की महिलाओं द्वारा वनोपज का संग्रहण किया जा रहा है । वन विभाग द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी सुनिश्चित की गई है , जिसका असर है कि अब बिचौलियों से मुक्ति मिली है । साथ ही उनकी आजीविका भी सुनिश्चित हुई है ।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अन्तर्गत विहान” योजना में गठितस्व-सहायता समूह/सदस्यों के माध्यम से जिले के समस्त 05 विकासखण्डों में लघुवनोपजों का संग्रहण किया जा रहा है।
लॉक डॉउन की अवधि में भी उनकी आजीविका सुनिश्चित की गयी है। कलेक्टर श्री श्याम धावडे एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विनय लंगेह के मार्गदर्शन में जिले के पाँचों विकासखण्ड छुरा,फिंग्गेश्वर,गरियाबंद,मैनपुर, देवभोग में विभिन्न प्रकार के बनोपज का संग्रहण कर लॉक डाउन की स्थिति में भी महिलाओं के लिए स्थानीय आजीविका संवर्धन की व्यक्तिमूलक गतिविधियाँ की जा रही है। जिसमे महुआ फल, इमली, लाख, कुसुम लाख, रंगीनी
लाख, पुवाड़बीज, चरौटाट बीज, कालमेघ, हर्रा, बहेड़ा, नागरमोथा, धवई फूल, माहुलपत्ता, भेलवा आदि वनोपज का संग्रहण एवं विक्रय किया जा रहा है ।
बिहान के 276 समूहों के 1 हजार 11 सदस्यों के माध्यम से 760.81 किवंटल वनोपज, कुल 16 लाख 31 हजार 955 रूपये का संग्रहण किया जा चुका है। जिमसें से समूह की दीदीयों ने
468.776 क्विंटल वन विभाग को 10 लाख 52 हजार 528 रुपये का बेचा गया है, शेष 292.05 क्विंटल वनोपज जो लगभग 5 लाख 79 हजार 427 रुपये का अपने पास स्टॉक कर रखा गया है, इसे उपयुक्त अवसर पर तत्काल वेच दिया जायेगा ।
एनआरएलएम योजना का मुख्य उद्देय महिलाओं की आजीविका सुनिश्वित करना है,और उनको उनकी मेहनत का सही दाम मिले इस हेतु पहले बिचौलियों द्वारा
महिलाओं से वनोपज खरीदी जाती थी, अब राज्य शासन की न्यूनतम समर्थन लघुवनोपज योजना अंतर्गत गठित ग्राम संगठनों के माध्यम से दीदीयों द्वारा संग्रहित वनोपज को खरीदा जायेगा ताकि लॉक डाउन के
समय में भी महिलाओं को उपज का अच्छा मूल्य मिल सके। ग्राम संगठन द्वारा अच्छा मूल्य मिलने पर बाजार में विक्रय किया जायेगा । इस तरह एनआरएलएम महिलाओं की आजीविका के साथ-साथ ग्राम संगठन की आजीविका भी सुनिश्चित कराता रहेगा।

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