बच्चे को मारने के 3 दिन बाद भी कायम है, तेंदुए की दहशत

फारूक मेमन

गरियाबंद: गरियाबंद के कोचेना गांव में बच्चे को मारने के 3 दिन बाद भी हिंसक तेंदुए की दहशत बनी हुई है हालांकि वन विभाग के ट्रेप कैमरे में तेंदुए की तस्वीरें नहीं आई है मगर ग्रामीण तेंदुए की मौजूदगी और मवेशियों को दौड़ाने की बात कह रहे हैं। जिसके बाद वन विभाग ने आज तेंदुए को पकड़ने 3 दिन बाद पिंजरे में बकरी डालकर प्रयास प्रारंभ किया है वन विभाग बीते 3 दिनों से शाम होते ही ग्रामीणों को घर के भीतर भेज रहा है तो वही अब ग्रामीणों को एल.ई.डी. ब्लफ, सोलर पैनल वाली इमरजेंसी लाइट भी वितरित करने की बात की जा रही है।

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3 दिन पूर्व ग्राम मारोदा के आश्रित पारा कोचेना में घर के आंगन से बच्चे को ले जाने और उसके बाद बच्चे की मौत से तेंदुए की दहशत गांव में अभी भी बनी हुई है तेंदुए के गांव के आसपास देखे जाने की कई खबरें मिली है हालांकि वन विभाग के लगाए ट्रैक कैमरे में तेंदुए की तस्वीरें नहीं आई है मगर ग्रामीण बताते हैं कि कभी तेंदुआ तालाब के पास दिखता है तो कभी गाय बछड़े को दौड़ाने की भी बात ग्रामीण करते है । इन सबके बीच ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें सबसे अधिक यही डर सता रहा है कि तेंदुआ फिर किसी को घर से किसी को उठा ना ले जाए हालांकि वन विभाग ने आज 3 दिन बाद हिंसक तेंदुए को पकड़ने गंभीर प्रयास प्रारंभ किया है पिंजरे को आज पहली बार बकरी डालकर तेंदुए को फसाने का प्रयास किया जा रहा है

क्या कहना है ज़िम्मेदारों का

मनोज चंद्राकर एस.डी.ओ.वन गरियाबंद

एस.डी.ओ.वन गरियाबंद मनोज चंद्राकर ने बताया कि लोगों की सुरक्षा के लिए वन विभाग पूरी तरह सक्रिय है दो शिफ्ट में कर्मचारियों की ड्यूटी गांव के आसपास लगाई जा रही है जो भ्रमण कर तेंदुए का पता लगाने का प्रयास कर रहा है शाम होते ही ग्रामीणों को घरों के अंदर भेज दिया जाता है रात मे लाइट बंद ना हो इसलिए आज लगभग सभी घरों के लिए सोलर लाइट वन विभाग की ओर से प्रदान की जा रही है इसके अलावा वन प्रबंधन समिति की ओर से दो चौकीदार भी रखा गया है जो लगातार ग्रामीणों को समझाइस दे रहे हैं कि तेंदुए से कैसे सुरक्षित रहना है। हालांकि अभी तक प्राप्त कैमरे में तेंदुए की तस्वीर नहीं आई है

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