रायपुर:
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आहूत विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र एक तरह से कहें तो नाथूराम गोड़से और वीर सावरकर पर फोकस हो गया। पहले दिन जहां नाथूराम गोड़से को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। वहीं, दूसरा दिन आज वीर सावरकर पर तकरार और नारेबाजी में समाप्त हुआ। वीर सावरकर पर सीएम भूपेश बघेल की एक टिप्पणी पर भाजपा विधायकों ने बहिर्गमन कर दिया।
विधानसभा परिसर में मीडिया से संवाद करते हुए अजय चंद्राकर द्वारा नाथूराम गोडसे के नाम के आगे ‘जी’ लगाने पर सीएम भूपेश बघेल ने उन्हे निशाने पर ले लिया। सीएम भूपेश बघेल ने इस ‘जी’ शब्द का उल्लेख करते हुए इसे नक़ाब उतरना क़रार दिया है।
CM भूपेश बघेल ने ट्विटर पर लिखा
उधर सदन में चर्चा के समापन पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि आज का राष्ट्रवाद भयंकर किस्म की हिंसा से लबरेज है….अराजक और उत्तेजित भी है। इस राष्ट्रवाद में एक-दूसरे के लिए सम्मान का भाव नहीं है। यह जर्मनी से आया हुआ राष्ट्रवाद है। सीएम ने कहा कि गांधी और सावरकर दोनों ने कई जगहों पर रामायण का उल्लेख किया था। मगर बापू ने इससे सत्य और अहिंसा का संदेश दिया तो सावरकर ने इसी रामायण का उदाहरण देकर कहा कि दुष्टता का नाश दुष्ट के विनाश से ही संभव है। बापू अहिंसा और सावरकर हिंसा के पैरोकार थे। उन्होंने कहा कि गांधी हमारे लिए वीर हैं और सावरकर आपके लिए। गोड़से सावरकर के ही शिष्य थे। और सावरकर ने गांधी की हत्या का षडयंत्र रचा था।
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने इस पर आपत्ति करते हुए कहा कि सावरकर इस मामले में बाइज्जत बरी हुए थे। इस तरह आरोप लगाना सही नहीं है। उन्होंने आसंदी से आग्रह किया कि इसे विलोपित किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विलोपित करने की कोई जरूरत नहीं है। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि सदन असत्य कथन से नहीं चलता। इसके बाद भाजपा विधायकों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। जवाब में कांग्रेसी भी खड़े होकर गोड़से मुर्दाबाद के नारे लगाते लगे। नारेबाजी और हंगामे के बीच विपक्षी विधायक सदन से बर्हिगमन कर गए। बर्हिगमन के बाद भाजपा विधायकों ने गांधी प्रतीमा के पास धरने पर बैठ गए। भाजपा विधायक महात्मा गांधी जिंदाबाद और सावरकर जिंदाबाद के नारे लगाते रहे।
उधर, मुख्यमंत्री का उद्बोधन जारी रहा। उन्होंने कहा, वीर सावरकर ने 13 बार अंग्रेजों से माफी मांगी थी। लेकिन गांधी को अंग्रेज बार-बार जेल में डालते रहे। उन्होंने पूछा, आखिर क्या वजह है कि गोडसे ने गांधीजी की हत्या कर दी? उस वक़्त जब हत्या हुई तो रेडियो में कहा जा रहा था एक पागल व्यक्ति ने हत्या की है। लेकिन वह पागल नहीं था। वह एक विचारधारा से जुड़ा था। आज विचारधारा की लड़ाई चल रही है।