गरियाबंद में हर्बल हेंड सेनेटाईजर बना रही महिलाएं

गरियाबंद जिले की स्वच्छाग्रही महिलाएं मुस्तैद, रंगोली और स्थानीय भाषा मे भी जागरूक कर रही है

फारूक मेमन

गरियाबंद: आज पूरा विश्व कोरोना की चपेट में है छत्तीसगढ़ राज्य भी इस भयावह बीमारी से अछूता नहीं है। छत्तीसगढ़ राज्य में अब कोरोना से संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। कोरोना से संक्रमित सभी मरीजों का इलाज जिले से महज 90 किमी दूर राज्य की राजधानी रायपुर में चल रहा है। चूंकि गरियाबंद जिला राजधानी से लगा हुआ है अतः यहां भी संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े व जिला पंचायत के सीईओ श्री विनय कुमार लंगेह के सतत मार्गदर्शन में इस खतरे से निपटने जिले की स्वसहायता समूह की महिला स्वच्छाग्रही बड़ी जवाबदारी निभा रही हैं। वे मैदानी स्तर पर ग्रामीणों को इस भयावह बीमारी से निपटने की कला रंगोली और स्थानीय भाषा में सिखा रही है।

सोशल डिस्टेंसिंग का कराया जा रहा है पालन

जिले की ये महिलाएं अपने-अपने ग्राम पंचायतों में प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को बता रही है कि यह बीमारी कोरोना (कोविड-19) संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है जिसके लिये गांव में सोशल डिस्टेसिंग का पालन कड़ाई से कराया जा रहा है। गांव में राशन दुकान के बाहर सुरक्षित दूरी में घेरा बनाकर लोगों का सामाजिक दूरी बनाये रखने हेतु जागरूक किया जा रहा है तथा सभी को आवश्यक रूप से मास्क का उपयोग कारने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।

स्थानीय बोली में जन-जन तक किया जा रहा प्रचार-प्रसार

जिले की सीमा का एक बड़ा भाग ओड़िशा राज्य की सीमा से लगा हुआ है अतः यहां के ग्रामीणों में उड़िया भाषा का प्रभाव बहुत ज्यादा देखा जा सकता है। ऐसे में ग्रामीणजन को आसानी से समझ में आने वाली भाषा का उपयोग करके स्वच्छाग्रहियों द्वारा उन्हें जागरूक किया जा रहा है ऐसे प्रचार-प्रसार के लिये विभिन्न प्रकार की रंगोली एवं दीवार लेखन का जिम्मा इन्हीं स्वच्छाग्रहियों ने अपने कंधो पर उठा लिया है।

सोशल डिस्टेंसिंग बताने रंगोली का सहारा


रंगोली के माध्यम से कोविड-19 जैसी महामारी से बचने का सही तरीका सिखाया जा रहा है तथा लोगों से हाथ धोने की अपील करते हुए उन्हे सुरक्षित तरीके से 20 सेकेंड तक कैसे हाथ धोया जाता है, यह कला भी इन महिलाओं के द्वारा सिखाया जा रहा है।

हर्बल सेनेटाईजर एवं मास्क बना रही है महिलाएं

कोरोना महामारी के कारण कीटाणु मास्क और सेनेटाईजर की कमी को ध्यान में रखते हुये ग्रामीण महिलाओं ने मास्क और हर्बल सेनेटाईजर मनाने का जिम्मा उठा लिया है। स्वच्छाग्रही स्व सहायता समूह की महिलाएं कोरोना वायरस से बचने के लिये मास्क का निर्माण स्वयं ही कर रही है । वहीं प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल कर हैंड सैनेटाईजर का निर्माण भी कर रही है।

गरीब जरूरतमंदो तक पहुचा रहे है आवश्यक मदद

शासन – प्रशासन की पहल पर स्व सहायता समूह की स्वच्छाग्रही महिलाओं के द्वारा जरूरतमंदों का चिन्हांकित कर पंचायत के माध्यम से राशन एवं सब्जियां उपलब्ध कराया जा रहा है। इस कठिन परिस्थिति में जहां लोगों का रोजगार बंद है ऐसी स्थिति में कोई भी व्यक्ति खाली पेट न सोने पाये इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

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