धमतरी के बाद अब इस जिले में हुआ कोरोना मॉक ड्रिल : स्वास्थ्य तथा पुलिस कर्मियों के पसीने छुटें

हरदी गांव में किया गया मॉक ड्रिल

फारूक मेमन

गरियाबंद: गरियाबंद में कोरोना की मॉक ड्रिल ने कर्मचारियों अधिकारियों के पसीने छुड़ा दिए. सुबह 10:30 बजे के करीब अचानक जानबूझकर यह झूठी सूचना भेजी गई की गरियाबंद के एक गांव में उड़ीसा से पहुंचा मजदूर कोरोना पॉजिटिव निकल गया है. तत्काल सभी कर्मचारी पुलिस एंबुलेंस सैनिटाइजिंग अमला वहां पहुंचे.

दरअसल जिला प्रशासन यह देखना चाहता था कि अगर कोई पॉजिटिव पेशेंट आता है तो कितनी देर में सभी कर्मचारी रिस्पांस करेंगे, कितनी देर में घटनास्थल पर पहुंच पाएंगे, निर्धारित समय के भीतर सभी कार्यवाही हो सकेंगी या नहीं. एरिया सील करने से लेकर इलाके को सैनिटाइज करने वा अन्य सवधानी बरतने में निर्धारित समय से अधिक तो नहीं लगेगा. यह पूरी प्रक्रिया की गई और अच्छी बात यह रही कि सब कुछ निर्धारित समय में ही हुआ लेट नहीं हुआ. धमतरी की तरह यहां भी इसी तरह का अभ्यास करके देखा गया.

एसडीएम निर्भय साहू ने बताई सही स्थिति की जानकारी

निर्भय साहू

गरियाबंद के एसडीएम निर्भय साहू ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में अभी तक जिले मे कोई कोरोना पॉजिटिव कहीं नहीं है, यह मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं. दरअसल यदि भविष्य में कोई पॉजिटिव पेशेंट मिलता है तो सभी अमले इसी तरह मुस्तैद रहे. कौन कितना मुस्तैद है यह जांचने यह माकडि्ल (अभ्यास) किया गया था. कुल मिलाकर अचानक हुए इस माकडि्ल में अधिकारी कर्मचारी पुलिस सब समय से तो पहुंच गए मगर इस मॉक ड्रिल ने सबके के पसीने छुड़ा दिए. हर कोई इस बात को लेकर कुछ समय के लिए चिंतित हो गया था कि अब गरियाबंद जिला भी कोरोना मरीज वाले जिले की सूची में शामिल ना हो जाए. इस पूरे घटनाक्रम के बीच अधिकारी कर्मचारियों की दौड़ भाग को लेकर गरियाबंद में भी तरह-तरह के चर्चे होने लगे थे.

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