नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से कोरोना टीकाकरण की गाइडलाइंस आ गई हैं। वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन और एडमिनिस्ट्रेशन को लेकर जारी एसओपी में केंद्र ने राज्यों को कई निर्देश दिए हैं। वैक्सीन के लिए लोगों को पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फिर उन्हें एक तारीख दी जाएगी। उस डेट को उन्होंने टीकाकरण केंद्र पहुंचना होगा। टीकाकरण के लिए पोलिंग बूथों, कॉलेजों और कम्युनिटी हॉल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा नगर निगम भवनों, पंचायत बिल्डिंग, कैंट हॉस्पिटल, रेलवे अस्पतालों, पैरामिलिट्री फोर्सेज के कैंपों को भी टीकाकरण साइट की तरह इस्तेमाल करने की योजना है। केंद्र का सुझाव है कि इन केंद्रों पर कम से कम तीन अलग-अलग कमरे हों। ऐसा क्यों, आइए समझते हैं।
जहां वैक्सीन दी जाएगी, वहां तीन कमरे होने चाहिए। पहला वेटिंग रूम होगा, दूसरा वैक्सीनेशन रूम और तीसरा ऑब्जर्वेशन रूम। तीनों जगह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। वैक्सीन देने वाली टीम में एक वैक्सीन ऑफिसर और चार वैक्सीनेशन ऑफिसर्स होंगे। वैक्सीनेशन रूम में किसी महिला को वैक्सीन मिलते वक्त एक महिला स्टाफ मेंबर की मौजूदगी अनिवार्य होगी। गाइडलाइंस के अनुसार, टीकाकरण की एक साइट पर दिनभर में केवल 100 लोगों को टीका लगेगा। अगर लॉजिस्टिक्स की सुविधा अच्छी है तो इसे बढ़ाकर 200 भी किया जा सकता है।
इन लोगों को पहले लगेगा टीका
केंद्र सरकार के अनुसार, कोविड टीकाकरण अभियान के पहले चरण में 30 करोड़ लोग शामिल होंगे। इनमें एक करोड़ हेल्थवर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स, 50 साल से ज्यादा उम्र वाले 26 करोड़ लोग और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 50 साल से कम उम्र वाले लोग (1 करोड़) हैं। हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को अस्पताल या क्लिनिक जैसी जगहों पर टीका लगेगा। बाकी ग्रुप्स के लिए अलग से इंतजाम किए जा सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को टीका लगेगा। इनमें एक करोड़ हेल्थवर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स, 50 साल से ज्यादा उम्र वाले 26 करोड़ लोग और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 50 साल से कम उम्र वाले लोग (1 करोड़) शामिल होंगे। हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को अस्पताल या क्लिनिक जैसी जगहों पर टीका लगेगा। बाकी ग्रुप्स के लिए अलग से इंतजाम किए जा सकते हैं। मोबाइल साइट्स भी ऑपरेट करने की तैयारी है।
कोरोना वैक्सीन पहले चरण में किन्हें दी जानी है, इसके लिए सरकार मतदाता सूची खंगालेगी। इससे 50 साल से ज्यादा उम्र वाले आसानी से आइडेंटिफाई किए जा सकते हैं। गंभीर बीमारियों वाले लोगों का डेटा नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे या फिर स्वास्थ्य मंत्रालय से मिल जाएगा। टीकाकरण के लिए पोलिंग बूथों, कॉलेजों और कम्युनिटी हॉल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा नगर निगम भवनों, पंचायत बिल्डिंग, कैंट हॉस्पिटल, रेलवे अस्पतालों, पैरामिलिट्री फोर्सेज के कैंपों को भी टीकाकरण साइट की तरह यूज कर सकते हैं।
कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (ब्व-ॅप्छ) सिस्टम तैयार किया गया है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वैक्सीन के स्टॉक और डिस्ट्रीब्यूशन की रियल-टाइम अपडेट्स तो मिलेंगी ही। वैक्सीन के लिए किन्होंने रजिस्टर किया है और उन्हें कब वैक्सीन दी जानी है या टीका लगा या नहीं, ये सब ब्व-ॅप्छ में अपडेट होता रहेगा। वैक्सीन पाने के लिए आपको पहले से रजिस्टर करना होगा। ऑन-द-स्पॉट रजिस्ट्रेशन नहीं हो जाएगा। सरकार ने 12 तरह के पहचान-पत्रों को मान्यता दी है जिनके जरिए आप ब्व-ॅप्छ वेबसाइट पर रजिस्टर कर पाएंगे। इसके लिए वोटर आईडी, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्युमेंट जैसे दस्तावेज मान्य होंगे।
जहां कोविड वैक्सीन दी जाएगी, वहां तीन कमरे होना जरूरी है। एक वेटिंग रूम होगा, एक वैक्सीनेशन रूम और तीसरा ऑब्जर्वेशन रूम। तीनों जगह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। वैक्सीनेशन रूम में किसी महिला को वैक्सीन मिलते वक्त एक महिला स्टाफ मेंबर की मौजूदगी अनिवार्य होगी। गाइडलाइंस के अनुसार, टीकाकरण की एक साइट पर दिनभर में केवल 100 लोगों को टीका लगेगा। अगर लॉजिस्टिक्स की सुविधा अच्छी है तो इसे बढ़ाकर 200 भी किया जा सकता है। किसी भी केस में एक दिन में एक जगह पर 200 से ज्यादा लोगों को टीका नहीं लगेगा। वैक्सीन देने वाली टीम में एक वैक्सीन ऑफिसर और चार वैक्सीनेशन ऑफिसर्स होंगे।
कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण देश का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शामिल होने वाला है। राज्यों को एक जिले में एक मैनुफैक्चरर की वैक्सीन ही सप्लाई करने को कहा गया है ताकि अलग-अलग वैक्सीन मिक्स होने से बचा जा सके। वैक्सीन कैरियर, वायल्स और आइस पैक्स को सूरज की सीधी रोशनी से बचाने के सभी इंतजाम किए जाएंगी। जब तक कोई टीका लगवाने नहीं आता, तब तक वैक्सीन और डाइलुएंट्स को वैक्सीन कैरियर के भीतर लिड बंद करके रखा जाएगा।
कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क के जरिए वैक्सीन के स्टॉक और डिस्ट्रीब्यूशन की रियल-टाइम जानकारी मिलेगी। किसे वैक्सीन मिली है और किसे नहीं, उसका डेटा भी यहां उपलब्ध होगा। वैक्सीन के लिए लोगों को रजिस्टर करना होगा। इसके लिए वेबसाइट जल्द लॉन्च की जाएगी। वहां पर वोटर आईडी, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्युमेंट जैसे 12 फोटो आईडीज में से एक के सहारे रजिस्टर कर पाएंगे। फिर सेंटर पर फोटो आईडी मैच की जाएगी।