बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है और प्रदेश की सियासत दिन प्रतिदिन गर्माती जा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक दिन पहले ही कोरबा में जनसभा कर इसका आगाज भी कर गए, लेकिन भाजपा के सीएम चेहरे पर अभी भी संशय बरकरार है। वहीं, रविवार को बिलासपुर में बीजेपी की एक महत्वपूर्ण बैठक में 3 बार के मुख्यमंत्री रहे और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को पोस्टर से गायब होने का मामला अब तूल पकड़ रहा है। कार्यक्रम में मौजूद रहे नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने मीडिया के इस सवाल पर सफाई देते हुए कहा कि डॉ रमन सिंह जनता के दिलों में हैं।
दरअसल, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर रविवार को बिलासपुर पहुंचे हुए थे। प्रदेश प्रभारी के स्वागत में भाजपाइयों ने कार्यालय के बाहर पोस्टर और होर्डिंग लगवाए। इस होर्डिंग में स्थानीय नेताओं के साथ ही अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश प्रभारी सहित अन्य नेताओं के फोटो जरुर दिखीं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की तस्वीर पोस्टर से गायब थी। बताया जा रहा है कि उनको इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भी नहीं दिया गया है। इसके बाद सियासत शुरू हो गई है। इस
नेता प्रतिपक्ष बोले- रमन सिंह जनता के दिलों में हैं
इस मामले को लेकर जब नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, वह हमारे सम्मानीय नेता हैं। रमन सिंह जी का पूरा सम्मान है। वे बहुत वरिष्ठ नेता हैं और मार्गदर्शक हैं। वह जनता के दिलों में हैं। उन्हें आप पोस्टर में कहां खोज रहे हैं। इस पर जब उनसे कहा गया कि वह तो तीन बार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। बाकी नेताओं की भी तो फोटो है। इस पर नेता प्रतिपक्ष बोले कि, मुद्दों पर बात की जाए।
बीजेपी से सीएम चेहरा कौन?
बता दें कि करीब एक साल पहले रायपुर में डॉ रमन सिंह से पूछा गया था कि अगली बार चुनाव में भाजपा की ओर से सीएम का चेहरा कौन होगा। इस पर उन्होंने कहा था कि भाजपा मुद्दों पर चुनाव लड़ती है। चुनाव जीतने के बाद विधायक दल तय करता है कि कौन सीएम बनेगा। छत्तीसगढ़ की भाजपा में तो कई चेहरे हैं उनमें से एक छोटा सा चेहरा मेरा भी है। वहीं, बीते दिनों बीजेपी की पूर्व प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी जब रायपुर पहुंची थीं तो एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनसे सीएम के चेहरे पर पूछे गए सवाल को टाल दिया था। पुरंदेश्वरी ने कहा था कि, वे हर बार कह चुकी हैं कि हमारा एक एक कार्यकर्ता हमारा चेहरा है।
इसलिए तय नहीं किया सीएम चेहरा
राजनीतिक जानकारों की मानें तो प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी इस बार चेहरे के साथ चुनाव लड़ने के मूड में नहीं है। प्रदेश में बीजेपी की स्थिति लगातार कमजोर होती चली गई है। पिछले उपचुनावों में भी बीजेपी को कहीं भी कोई कामयाबी नहीं मिली, इसे डॉ रमन सिंह के कार्यकालों के समय उपजे सत्ताविरोधी लहर के परिणाम के रूप में भी देखा जा रहा है। बीजेपी के लिए रमन सिंह के बाद प्रदेश में बीजेपी का चेहरा कौन। इस सवाल को तलाशना अब बेहद अहम हो गया है, इसलिए बीजेपी चेहरे के नाम पर अभी अपना पत्ता खोलना नहीं चाह रही है।