नई दिल्लीः 70 लाख की कार में पीछे की सीट पर बैठे लोगों की जान भी ऐक्सिडेंट की हालत में सुरक्षित नहीं होती है। महाराष्ट्र में हुई सड़क दुर्घटना में देश के नामी बिजनसमैन और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के निधन से हर कोई हैरान और असमंजस में है। लोग यह सोच नहीं पा रहे कि आखिर प्रीमियम कारों में भी सुरक्षा की गारंटी नहीं तो फिर क्या किया जाए! हालांकि, यह पूरा सच नहीं है। महंगी या सस्ती गाड़ियों की सुरक्षा क्षमता में अंतर होता है, इसमें कोई शक नहीं, लेकिन सुरक्षा मानकों का महत्व सबसे ज्यादा है। अगर आप सुरक्षा के उपायों को अपनाते हैं तो भयावह से भयावह दुर्घटना में भी आपकी जान बचने की गुंजाइश बढ़ जाती है। सरकार भी यात्री वाहनों में सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दे रही है। केंद्रीय सड़क परिहवन मंत्री नितिन गडकरी का इस बात पर खासा जोर है। उन्होंने बताया कि वाहन निर्माता कंपनियों को वाहनों में हरेक सीट के लिए एयर बैग देने का निर्देश दे चुके हैं।
महंगी कार से क्या होगा, सुरक्षा उपाय जरूरी हैं
खैर, सरकार और वाहन कंपनियां जो भी उपाय करें, जब तक आप खुद सतर्कता नहीं बरतेंगे, हादसे के वक्त सारे उपाय धरे के धरे रह जाएंगे और जान आफत में ही रहेगी। इसलिए जरूरी है कि जिस वाहन में आप यात्रा कर रहे हैं या खुद ड्राइव कर रहे हैं तो सभी सुरक्षा उपायों का पालन करें। कॉमर्शियल वीइकल्स की इंटीरियर डिजाइनिंग करने वाली और उनकी सीटें बनाने वाली कंपनी पिनेकल इंडस्ट्री लि. (च्पददंबसम प्दकनेजतपमे स्जक.) के चेयरमैन और एमडी सुधीर मेहता ने साइरस मिस्त्री के निधन के बाद हम सबकी आंखें खोल देने वाली बातें कही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया ट्विटर पर लिखा है कि बतौर ड्राइवर या यात्री, गाड़ी में सीट बेल्ट लगाना, जिंदगी पर जोखिम कम करने की अनिवार्य शर्त है।
70 लाख की मर्सेडीज में भी क्यों नहीं बची टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की जान?
साइरस मिस्त्री की कार का एक्सीडेंट रविवार (4 सितंबर 2022) की दोपहर करीब सवा तीन बजे हुआ। लोकेशन पालघर जिले के चरोटी में सूर्या नदी पर बना एक पुल रही। मिस्त्री समेत कार में सवार चारों लोग सुबह गुजरात के उद्वादा स्थित पारसी मंदिर इरानशाह गए थे। वहां से लौटते वक्त हादसा हुआ। पीछे की सीट पर बैठे मिस्त्री और जहांगीर की सिर पर चोटें आने से मौके पर ही मौत हो गई। अनायता जो कि मर्सेडीज ड्राइव कर रही थीं और उनके पति को कई फ्रैक्चर्स हुए हैं। दोनों को वापी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मर्सेडीज में सवार चारों लोग एक दोस्त के यहां से लंच के बाद लौट रहे थे। गाड़ी तीन लेन वाले चरोटी टोल नाके से निकलकर बमुश्किल एक किलोमीटर ही आगे बढ़ी होगी कि हादसा हो गया। पालघर एसपी बालसाहेब पाटिल ने कन्फर्म किया कि जहांगीर और मिस्त्री की ऑन-द-स्पॉट मौत हो गई थी।
पुलिस की शुरुआती जांच इशारा करती है कि अनायता ने पुराने पुल को टेकओवर करते समय कार पर कंट्रोल खो दिया। पुराना पुल नए वाले पुल से थोड़ा नीचे है। स्पॉट पर गए पुलिसवालों के अनुसार, संभव है कि कार की रफ्तार काफी तेज रही हो और अनायता तय नहीं कर पाईं कि कौन से पुल से जाना है। पुलिस ने एक एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट फाइल की है।
मेडिकल सुप्रिटेंडेंट प्रदीप धोदी ने कहा कि मिस्त्री और जहांगीर, दोनों के सिर फ्रंट सीट्स से जा टकराए। सिर पर लगी चोटों की वजह से उनकी मौत हुई। मर्सेडीज बेंज जीएलसी में पीछे की सीट पर बैठे यात्रियों के लिए साइड में कर्टेन एयरबैग्स होते हैं। ये एयरबैग्स खुले तो जरूर मगर देर से।
पुलिस के अनुसार, साइरस और जहांगीर ने सीट बेल्ट्स नहीं पहनी थीं जिसके चलते बैग्स खुल पाने से पहले ही उनके सिर फ्रंट सीट्स से टकरा गए। पुलिस ने कहा कि अनायता और दारिस की जान इसलिए बच गई क्योंकि उन्होंने सीट बेल्ट पहन रखी थी और उनके एयरबैग्स टाइम पर खुले।
मिस्त्री जिस कार से सफर कर रहे थे वह एंट्री मॉडल के बाद मर्सेडीज का दूसरा मॉडल था। कार का रजिस्ट्रेशन नंबर डभ् 47ठ ।ठ7705 था जो मई 2018 में कराया गया। इस मर्सेडीज बेंज जीएलसी का फिटनेस सर्टिफिकेट मई 2033 में एक्सपायर हो रहा है।
हादसा इतना भयावह था कि कार का इंजन पहियों के पीछे चला गया। बोनट सही सलामत था। आसपास कोई सीसीटीवी नहीं था इसलिए पुलिस के पास हादसे की कोई फुटेज नहीं है। हालांकि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक्सीडेंट की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।