रायपुर: विधानसभा का मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा। शराब का मुददा सदन में खूब गर्माया, जिस पर पक्ष-विपक्ष में जमकर बहस हुई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि एक बीयर कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए मांग से अधिक खरीदी हुई है और यह आबकारी मंत्री के जानकारी के बिना हुआ है।
शराब खरीदी पर आबकारी मंत्री से नेता प्रतिपक्ष ने सवाल पूछा की- प्लेसमेंट एजेंसी नियुक्त करने का मापदंड क्या है? किसी प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं कराई गई? सभी प्लेसमेंट एजेंसी सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने जवाब देते हुए कहा कि- प्लेसमेंट एजेंसी के 700 कर्मचारियों को बाहर निकाला जा चुका है। जो और प्लेसमेंट एंजेसी गड़बड़ी कर रही है, उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
वहीं कांग्रेस विधायक संतराम नेताम ने आबकारी मंत्री को बताया कि बस्तर में डिमांड के अनुसार शराब की ब्रांड नहीं मिल रही है। लोगों को दूसरे ब्रांड का शराब पीने मजबूर किया जा रहा है । जिस पर आबकारी मंत्री ने आश्वस्त किया की जिस ब्रांड की मांग होगी वह उपलब्ध कराएंगे।
कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने कोरोनाकाल में पलायन से लौटे मजदूरों के विषय में सवाल किया। जिसका जवाब देते श्रम मंत्री ने कहा कि 6 लाख 37 हजार मजदूर दूसरे राज्यों से वापस आए हैं। उनके आवागमन में 14 करोड़ 8 लाख 45 हजार खर्च हुए हैं।