पत्ता तोड़ती महिला को देख पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल भी गाड़ी से उतर महिला के पास पहुंच गए
महिला को साड़ी गमच्छा एवं चप्पल दिला कर करोना से बचने की सलाह दी
पटेल पहले भी वृद्ध महिला और पुरुषों को इसी तरह छत्ता साड़ी चप्पल व गमछा देकर मानवता का परिचय देते रहे हैं
गरियाबंद.. गरियाबंद पुलिस अधीक्षक भोज राम पटेल ने आज बीच रास्ते पर एक ऐसी मानवता की मिसाल पेश की जिसे देखकर हर कोई गरियाबंद पुलिस अधीक्षक भोज राम पटेल की तारीफ करता नजर आ रहा है 80 साल के एक वृद्ध जो पेड से अपने बकरी के लिए पत्ते नहीं तोड़ पा रही थी उसके लिए अपनी गाड़ी रुकवा कर पेड से जवानों से पत्ते तुड़वाया और साथ ही साड़ी चप्पल व माक्स भी वृद्ध को दी।
जिला के पुलिस कप्तान भोजराम पटेल अपने वाहन से घर की ओर जा रहे थे तभी उन्होंने देखा कि एक वृद्ध महिला जो लगभग से 80 से 85 साल की होगी रास्ते मे पेड से पत्ते तोड़ते नजर आई वह लगातार प्रयास कर रही थी किंतु उसके लाठी में बंधा हुआ हंसीया पत्ते तक नहीं पहुंच पा रहा था जिससे वह काफी परेशान थी जिसे देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने तत्काल गाड़ी रुकवा कर जवानों को को पत्ता तोड़ने के लिए उसके पास भेजा और इसी के साथ जब उन्होंने देखा कि 80 वर्ष की महिला यह कार्य कर रही है तो एका एक भावुक होकर वे उसके पास पहुंच गए और उनसे पूछा दाई का तोड़ा थास तो बताई उसने कि घर में बकरियों के लिए पत्ते की जरूरत है जिसके लिए वह पत्ता तोड़ रही है किंतु उम्र ज्यादा होने और कमर रुक जाने के कारण वह पता नहीं तोड़ पा रही है जिस पर पुलिस अधीक्षक भोज राम पटेल ने तत्काल सिपाहियों से बहुत सारे पत्ते तोड़कर दिलवाया इसी के साथ जब उन्होंने देखा कि महिला के पैर में चप्पल नहीं है मुंह में मार्क्स नहीं है साड़ी भी आधी अधूरी है तो उन्होंने तत्काल अपने सिपाहियों को निर्देश दिया कि गरियाबन्द जा कर तत्काल महिला के लिए साडी और मुंह में लगाने के लिए माक्स के साथ ही उसके पैरों के लिए चप्पल की भी समुचित रूप से व्यवस्था कराई यह सब देख महिला के समझ में ही नहीं आ रहा था कि यह कौन है जो उन्हें इतने प्यार से बात कर रहे हैं और एकाएक गाड़ी एक रुकी है और गाड़ी से निकलकर खाकी ड्रेस में कोई नजर आ रहा है तो महिला ने घबराते पूछा ते कौन हस बाबू तब उन्हें सिपाहियों ने बताया कि यह गरियाबंद के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल हैं हालांकि महिला के समझ में कुछ नहीं आया लेकिन जब उसने साड़ी मार्क्स व चप्पल देखी तो एकाएक भाउक होकर उसे आशीर्वाद देने लगी बने करे बाबू बहुत दिन ले चप्पल के सूरत आत रिहिस लेकिन चप्पल नहीं मिलीस बिना चप्पल के ही निकल गए रहा हूं पता तोड़े बर .
उल्लेखनीय हैं पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल इस तरह की पहले भी ऑफिस में पहुंचे फरियादियों में अधिक उम्र के महिला और पुरुषों को लगातार चप्पल साड़ी या गमछा देकर इस करोना के दौर में अपने आप को बचाये रखने के लिए वृद्धजनों को गमछा साड़ी चप्पल छत्ता या अन्य सामान लगातार देते नजर आते हैं
दई ऐ उमर में तोला पत्ता तोड़े के का जरूरत है मे हा तोड़वा देथो.
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल से चर्चा करने पर वे कहते हैं कि एकाएक उनकी नजर इस वृद्ध महिला पर पड़ी जो लगातार पेड़ से पत्ता तोड़ने का प्रयास कर रही थी किंतु सफल नहीं हो पा रही थी बार-बार थक जा रही थी जिसे देखकर वे भावुक हो उठे और वह अपनी गाड़ी रुकवा कर यहां पहुंचे हैं उनका उद्देश्य कहीं कुछ और नहीं था सिर्फ इतना ही था कि 80 वर्षीय महिला को वह जो पेड़ से पत्ते नहीं तोड पा रही थी उस को राहत मिल जाए इसीलिए जब उन्होंने देखा कि उसके पैर में चप्पल भी नहीं है तो उन्होंने तत्काल उसके लिए साड़ी और चप्पल की व्यवस्था कराई।