नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पाकिस्तानी आतंकी और लश्कर ए तैयबा के डिप्टी चीफ अब्दुल रहमान मक्की को सोमवार को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया. अमेरिका और भारत लगातार UNSC में अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग कर रहे थे. लेकिन चीन इसमें अड़ंगा लगा रहा था. लेकिन अब्दुल रहमान मक्की के खिलाफ प्रस्ताव से चीन के टेक्निकल होल्ड हटाने के बाद यूएन ने यह कदम उठाया.
अब्दुल रहमान मक्की के खिलाफ UNSC में 2020 और जून 2022 में प्रस्ताव लाया गया था. प्रस्ताव में मांग की गई थी कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया जाए. लेकिन दोनों बार चीन ने इस पर अड़ंगा लगा दिया था.
UN ने सोमवार को बताया कि सिक्योरिटी काउंसिल कमेटी के प्रस्तावों के अनुसार मक्की को 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया. UNSC के प्रस्ताव के मुताबिक, मक्की अब धन का इस्तेमाल नहीं कर सकता है, वह हथियार खरीद नहीं कर सकता और अधिकार क्षेत्र से बाहर यात्रा भी नहीं कर सकता.
अब्दुल रहमान मक्की पाकिस्तानी नागरिक है. वह 26/11 मुंबई हमलों का भी आरोपी है. मक्की के खिलाफ UNSC ने ये कदम ऐसे वक्त पर उठाया, जब दिसंबर 2022 में UNSC की अध्यक्षता करते हुए भारत ने आतंकवाद से निपटने की जरूरत पर जोर दिया था. इतना ही नहीं 28-29 अक्टूबर, 2022 को मुंबई और दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काउंटर टेररिज्म कमेटी की बैठक हुई थी, इस दौरान ऐसे आतंकियों को लिस्टेड कर उनके खिलाफ कार्रवाई के मुद्दे पर चर्चा की गई थी.
अब्दुल रहमान मक्की को 16 जनवरी 2023 को ISIL और अलकायदा से जुड़े होने, लश्कर-ए-तैयबा द्वारा या उसके समर्थन से टेरर फाइनेंसिंग, साजिश रचने, साजिश में हिस्सा लेने, भर्ती करने जैसे कामों में शामिल होने पर लिस्टेड किया गया. UNSC से मिली जानकारी के मुताबिक, मक्की लश्कर ए तैयबा का डिप्टी चीफ है. वह लश्कर की राजनीतिक विंग जमाद उद दावा का भी चीफ है. वह लश्कर के फॉरेन रिलेशन डिपार्टमेंट का भी हेड रहा है. वह हाफिज सईद का साला है. उसके पिता का नाम हाफिज अब्दुल्ला बहवालपुरी है.
भारत सरकार ने भी अब्दुल रहमान मक्की को वॉन्टेड घोषित किया है. अब्दुल रहमान मक्की लश्कर के लिए धन जुटाने, आतंकियों की भर्ती करने और युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और भारत में, खासकर जम्मू और कश्मीर में हमलों की योजना बनाने के लिए जाना जाता है.