VIRAL POST | होली पर अनोखी परंपरा, दमाद को गधे पर बैठाकर पूरे गांव की सैर करवाते हैं, पहरे में रखा जाता है

बीड: होली पर मजाक और मसखरी का अपना अलग मजा है। तभी कहा भी जाता है कि बुरा न मानो होली है। अब होली जैसे पर्व पर कोई रंग लगाने से कैसे रोक सकता है। लेकिन महाराष्ट्र के बीड जिले में अलग हटकर होली के दिन दामाद को गधे की सवारी कराई जाती है और उसे रंग से सराबोर किया जाता है।

कैसे शुरू हुई अनोखी परंपरा,
अब इस अनोखी परंपरा के पीछे भी एक कहानी है। दरअसल होली पर कई लोग रंग से बचते घूमते हैं और कई बार तो रंग लगाने की वजग से झगड़ा तक हो जाता है। बीड जिले में भी करीब 80 साल पहले कुछ ऐसा ही हुआ था। यहां के विडा येवता गांव के देशमुख परिवार में एक बार रंग लगवाने से मना कर दिया था। फिर उनके ससुर अनंतराव देशमुख ने दामाद के लिए फूलों से सजा एक गधा मंगवाया और रंग लगाकर पूरे गांव की सैर कराई।

दामाद की होती है पूरी खातिर,
गधे की सैर कराने के अलावा दामाद को मिठाई खिलाई गई और मनपसंद कपड़े भी दिलवाए गए। फिर से चलन ऐसा शुरू हुआ कि आठ दशक बाद भी आज से पूरे उत्साह के साथ यह परंपरा निभाई जाती है। अगर उस वक्त गांव में कोई दामाद मौजूद न हो तो किसी को उसकी उपाधि दी जाती है ताकि परंपरा में किसी तरह की रुकावट न आने पाए।

दामादों की होती है खोज,
होली से पहले ही दामादों की तलाश शुरू हो जाती है। लेकिन कई बार लोग इस वजह से गांव से बाहर होली मनाने कहीं चले भी जाते हैं। इसके लिए दामादों को पहरे में भी रखा जाता है ताकि होली के दिन वह कहीं रफूचक्कर न हो जाएं।

गधे को भी सजाने का चलन,
गधे में बैठाकर घुमाने को किसी तरह की बेइज्जती से नहीं बल्कि परंपरा से जोड़कर देखा जाता है। कई बार तो उसे सोने की अंगूठी या कोई कीमती तोहफा तक गिफ्ट किया जाता है। यही नहीं मंदिर ले जाकर उसकी पूजा और आरती भी उतारी जाती है। साथ ही गधे को भी सजाकर और माला पहनाकर तैयार करने का चलन है।

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