जयपुर: राजस्थान की जयपुर पुलिस ने एक बेहद शातिर चोरों की गैंग को गिरफ्तार किया है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, गैंग का सरगना रोज इन बदमाशों को रोज एक टारगेट देता था. इन्हें हर दिन एक चोरी करनी होती थी. 30 हजार तक सैलरी दी जात थी. टारगेट पूरा करने पर किसी कॉर्परेट कंपनी की तरह इन्हें इंसेंटिव भी दिया जाता था. यह शातिर गैंग पुरानी गाड़ियों को चुराते थे. गाड़ियों को ठिकाने लगाना, पाट्र्स काटकर बेचने और बचे हुए माल को डंप करने में यह सभी एक्सपर्ट हैं. इतना ही नहीं इन्हें मंथली पैकेज में रखा गया था. कार्रवाई करते हुए पुलिस से शास्त्री इलाके से गिरोह के 10 गुर्गों को दबोचा है. इनके पास से कबाड़ में बदल चुके बाइक, स्कूटी, बैट्री, ई-रिक्शा सहित दर्जनों वाहन बरामद किए हैं. पुलिस का कहना है कि इस गैंग ने करोड़ों की गाड़ियों को कबाड़ में बेच दिया है.
पुलिस का कहना है कि गिरफ्त में आए सभी बदमाश वाहन चोरी से लेकर, वाहन को काटने और बाजार में स्क्रेप के रूप में बेचने का काम किया करते थे. यह गैंग पहले गाड़ियों की रेकी किया करते थे. फिर मौका पाकर उन्हें चुरा लिया करते थे. गैंग का सरगना भी इन वारदातों को अंजाम देने के लिए इन युवकों के साथ फिल्ड पर जता था.
पुलिस का कहना है कि गैंग पहले गाड़ियों को शातिर तरीके से चुराता था. फिर उसे ठिकाना लगाता था. पहले गाड़ियों को एक गुप्त ठिकाने पर ले जाते थे. फिर उन्हें काटकर उसके पुर्जे-पुर्जे अलग करते थे. इसके बाद लोडिंग गाड़ियों के बदले अलग-अलग ठिकानों पर सप्लाई कर देते थे. फिर गैंग का एक शख्स कबाड़ में बदल चुके माल को कबाड़ी तक पहुंचा देता था.
हर चोरों को मिलती थी सैलरी
पूछताछ में आरोपियों ने कहा कि गिरोह में लड़को को बकायदा सैलरी पर रखा जाता था. गुर्गों को हर दिन एक हजार तक सैलरी दी जाती थी. फिर हर दिन एक गाड़ी की चोरी का टारगेट दिया जाता था. फिर गैंग के सदस्य कबाड़ में बदल चुके माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाते थे. गैंग से सरगाना के पैसों का लालच देकर कई लड़कों को गैंग में जोड़ लिया था. पुलिसका कहना है कि जल्द कुछ और आरोपियों की गिरफ्तार हो सकती है.