U TURN | आर्थिक मंदी पर रविशंकर ने अपना बयान वापस लिया, प्रियंका ने कहा- मंत्री जी फिल्मी दुनिया से बाहर निकलिए

नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अर्थव्यवस्था पर अपना बयान वापस ले लिया है। शनिवार को मुंबई में प्रसाद ने कहा था कि देश में आर्थिक मंदी नहीं है। उन्होंने तर्क दिया था कि पिछले दिनों तीन फिल्मों ने मिलकर एक दिन में 120 करोड़ रुपए की कमाई की। इससे साबित होता है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है। अब उन्होंने प्रेस रिलीज जारी करके कहा है कि उनका बयान आंकड़ों के आधार पर सही था, लेकिन इसका गलत मतलब निकलने पर उन्हे खेद है।

प्रसाद ने अपने लिखित बयान में कहा, “मैने अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्यौरा दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हमेशा आम आदमी के प्रति संवेदनशील रही है। मेरा पूरा बयान सोशल मीडिया पर मौजूद है। मुझे अपने बयान से गलत संदेश जाने का दुख है। मैं एक संवेदनशील व्यक्ति होने के नाते अपने बयान को वापस लेता हूं।” प्रसाद ने ये भी कहा कि मुंबई में होने की वजह से उन्होंने फिल्म उद्योग का हवाला दिया था। फिल्मों से देश को टैक्स के तौर पर बड़ा योगदान तो मिलता ही है, साथ ही लाखों लोगों को रोजगार भी मिलता है।

प्रियंका का तंज- मंत्री जी, हकीकत से मुंह मत चुराइए

इधर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रसाद पर तंज कसते हुए उन्हें फिल्मी दुनिया से बाहर निकलने की सलाह दी है। प्रियंका ने ट्वीट करके कहा, “ये दुख की बात है कि जब देश में लाखों लोग नौकरियां खो रहे हैं, उनके पैसे पर बैंक कुंडली मारकर बैठे हैं, सरकार को जनता के दुख की फिक्र नहीं है। उन्हें फिल्मों के मुनाफे की परवाह है। मंत्री जी फिल्मी दुनिया से बाहर निकलिये। हकीकत से मुंह मत चुराइये।”

मुंबई में प्रसाद ने कहा था- फिल्मों की कमाई आर्थिक मजबूती का सबूत

प्रसाद ने कहा था कि 2 अक्टूबर को तीन फिल्में रिलीज हुई थीं। फिल्म उद्योग के विश्लेषक कोमल नाथ का हवाला देते हुए उन्होंने कमाई का आंकड़ा रिकॉर्ड 120 करोड़ रुपए पहुंचने की बात कही थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने मुंबई पहुंचे प्रसाद ने कहा था, “मैं अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री था। मुझे फिल्में देखना पसंद है। फिल्मों के जरिए बड़ा व्यापार होता रहा है।”

एनएसएसओ ने आर्थिक विकास दर 5% बताई थी

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 7 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। यह पिछले साल की जून तिमाही में 8% के मुकाबले इस बार 5% रह गई थी। प्रसाद ने नेशनल सेंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की रिपोर्ट को खारिज किया। उन्होंने कहा, “ये रिपोर्ट झूठी है। मैं आपको इससे संबंधित 10 आंकड़े देता हूं। इनमें से एक भी रिपोर्ट में मौजूद नहीं है। हमने कभी नहीं कहा कि हम सभी को सरकारी नौकरी देंगे। कुछ लोगों ने सुनियोजित रूप से गुमराह करने की कोशिश की।”

आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे ज्यादा

मई में केंद्र ने एनएसएसओ की आवधिक श्रम शक्ति सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की थी। इस रिपोर्ट में 2017-18 के दौरान बेरोजगारी की दर 45 साल में सबसे ज्यादा 6.1% बताई गई थी। शहरी और ग्रामीण इलाकों को मिलाकर, पुरुषों की बेरोजगारी दर 6.2% तो महिलाओं की 5.7% थी।

खबर को शेयर करें