रायपुर: 25 अगस्त से शुरू होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा के अभी से स्थगन की मांग उठ रही है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी संगठन ने सरकार सेे सत्र को तत्काल स्थगित करने की मांग की है।
संगठन ने कहा है कि सभी जिला कार्यालयों में कोई न कोई कर्मचारी कोरोना की चपेट में है इसलिए कई कार्यालय बंद है। ऐसे में कोरोना काल में सत्र आयोजित करने की वजह से व्यवहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। संगठन का कहना है कि विधानसभा में जो भी प्रश्न पूछे जाएंगे उनका जवाब कर्मचारी तैयार करते हैं। पदाधिकारियों की मांग है कि जरूरी विधेयक को एक ही दिन में बैठक कर पूरा कर लिया जाए।
इस बाबत भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा है कि कांग्रेसी मंत्रियों को ही अपने विभाग की जानकारी नहीं है। सरकार की नाकामियों की वजह से ही यह स्थितियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अधिकारियों के भरोसे चल रही है।
उपासने के इस बयान का जवाब देते हुए संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि कुछ प्रश्नों के जवाब आंकड़ों में दिए जाते हैं। सरकार सभी प्रश्नों का जवाब जमीनी स्तर में देना चाहती है लेकिन भाजपा क्या चाहती है कि बिना जमीनी स्तर के जवाब दे दिया जाए ? भाजपा जानती है कि अगर वास्तविक जवाब सामने आएंगे तो उनके परखच्चे उड़ जाएंगे।