बिलासपुर: कहते हैं कि अच्छी सोच के साथ समाज की मदद करने चलें तो लोगों का साथ अपने आप ही मिलता जाता है। ऐसा ही एक वाक्या आईपीएस अफसर सूरजसिंह परिहार के साथ हुआ। पेंड्रा- गौरेला- मरवाही जिले के पुलिस कप्तान सूरज ने प्रतियोगिता परीक्षाआंे की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए बुक बैंक खोलने की परिकल्पना की और अपने इस सोच को सोशल मीडिया पर साझा किया, बस फिर क्या था न केवल देश से बल्कि विदेशों से भी उन्हें किताबें दान में मिल रही हैं।
बुक बैंक की कल्पना परिहार ने अप्रैल 2020 में की थी। सितंबर में उन्होंने इस बुक बैंक में लोगों से सहयोग करने को कहा। इसके बाद आइएएस, आइपीएस, अधिकारियों, डाक्टरों, वकीलों और दुनिया भर के लोगों ने दान में पुस्तकें देना शुरू कर दिया। अभी तक परिहार के पास 3000 से अधिक किताबें आ चुकी हैं और किताबों के आने का सिलसिला चल ही रहा है। अधिकांश लोगों ने किताबें अमेजन या फ्लिकार्ट से आनलाइन भेंजी है। परिहार ने लोगों से कहा है कि यदि उनके पास भी प्रतियोगिता परीक्षाओं के अनुरूप कोई किताब है तो वह दान दे सकते हैं।
आपको बता दें कि सूरज परिहार बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन भी देते रहते हैं। वे एसपी दफ्तर के पास बुक बैंक खोलना चाहते हैं। उन्होने बताया कि इस दूरथ्स इलाके में एक भी गुणवत्ता लायक लाइब्रेरी नहीं है। कई छात्र जब सूरज के पास पुस्तकों को लेकर बात करते थे, तब उन्हें यह आइडिया आया। बुक बैंक का उद्देश्य विशेष रूप से गरीबों, जरूरतमंदों और आदिवासी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पुस्तक उपलब्ध कराना है। बुक बैंक का शुभारंभ इसी महीने करने की तैयारी हो रही है। इससे कक्षा 10 वीं, 12 वीं स्नातक और पीजी छात्रों को लाभ मिलेगा। पुलिसकर्मियों के बच्चों को मुफ्त सदस्यता मिलेगी।