नई दिल्ली: मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान में बताया गया है कि मानसून की ट्रफ रेखा उत्तर पश्चिम उत्तरप्रदेश से उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक दक्षिण बिहार और उत्तरी झारखंड होकर गंगीय पश्चिम बंगाल से होकर गुजर रही है। साथ एक और ट्रफ रेखा झारखंड से ओडिशा होकर गुजर रही है। इसका प्रभाव बिहार के मौसम पर पड़ेगा। इससे दक्षिणी बिहार के साथ-साथ उत्तरी बिहार में मेघ गर्जन और आकाशीय बिजली की आशंका है। इसे लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। इधर उत्तर पश्चिम भारत के राज्य उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में नौ जुलाई को छिटपुट बारिश का अनुमान लगाया गया है। वहीं पूर्वी राजस्थान में 10 जुलाई के बाद बारिश होने का अनुमान लगाया गया है।
स्काईमेट वेदर के मुताबिक आज पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्सों, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, विदर्भ, तेलंगाना और तटीय ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। कर्नाटक, दक्षिण कोंकण और गोवा दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश और मराठवाड़ा के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर कुछ देर के लिए तेज बारिश हो सकती है।
झारखंड, आंतरिक ओडिशा, रायलसीमा, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तलहटी, पश्चिमी हिमालय के कुछ हिस्सों, पंजाब, पश्चिमी मध्य प्रदेश और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में हल्की बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है।
फिलहाल दक्षिण पश्चिम मानसून बाड़मेर, भिलवाड़ा, धोलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से गुजर रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं आठ जुलाई के बाद से पश्चिमी भारत में स्थापित हो जाएंगी। जो धीरे-धीरे 10 जुलाई तक उत्तर पश्चिम भारत के राज्य पंजाब और हरियाणा तक फैल जाएगा। जिससे यहां पर बारिश शुरु हो जाएगी। इसके साथ ही 10 जुलाई तक दक्षिण पश्चिम मानसून बाकी बचे उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों के साथ साथ पंजाब के कुछ भाग और हरियाणा राजस्थान समेत दिल्ली में पहुंच जाएगा। इससे यहां भी बारिश शुरु हो जाएगी।
अरब सागर में दक्षिण पश्चिम मानसून के मजबूत होने के साथ ही 11 जुलाई तक बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके कारण नौ जुलाई के बाद पश्चिमी तटों पर जोरदार बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा इसके प्रभाव से कोंकण, गोवा और मध्यप्रदेश में भी बारिश की संभावना जतायी गयी है। इधर दक्षिण कर्नाटक के अंदरूनी क्षेत्रों और केरल में नौ से 11 जुलाई के बीच भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है। साथ ही ओडिशा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ के तटीय इलाके और तेंलगाना में भी नौ और 11 जुलाई के बीच कहीं कहीं पर हल्की और कहीं पर जोरदार बारिश की संभावना जतायी गयी है।
आईएमडी ने पहले कहा था कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 10 जुलाई के आसपास दिल्ली पहुंच जाएगा, जिससे यह 15 वर्षों में सबसे अधिक देरी से पहुंचेगा। आम तौर पर मॉनसून 27 जून तक दिल्ली पहुंच जाता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार से तापमान में कमी आनी शुरू हो जाएगी। लेकिन कुछ जगहों पर लू की स्थिति बनी रह सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक 8 से 13 जुलाई तक राजधानी में रोज बारिश की संभावना है। 10 जुलाई से बारिश थोड़ी तेज होगी, लेकिन अभी मूसलाधार बारिश की संभावना नहीं है। इस दौरान अधिक तापमान 10 जुलाई से 33 से 35 डिग्री के बीच और न्यूनतम तापमान 24 से 25 डिग्री के बीच सिमट जाएगा। मॉनसून भी इसी दौरान दिल्ली में दस्तक दे सकता है।
इसके अलावा इधर मध्य भारत के राज्यों की बात करें तो मध्यप्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में आठ जुलाई को छिटपुट बारिश जारी रहेगी। हालांकि कहीं कही पर जोरदार बारिश होने की भी संभावना है। आठ जुलाई के बाद से विदर्भ और छत्तीसगढ़ में जोरदार बारिश होगी। वहीं पश्चिमी मध्यप्रदेश में 11 जुलाई और पूर्वी मध्य प्रदेश में 10 जुलाई को जोरदार बारिश का अनुमान लगाया गया है।