KHAIRAGARH | श्रुति मंडल से बदल रही खैरागढ़ विश्वविद्यालय की तस्वीर, सामाजिक गतिविधियों में भी प्रशासन का जोर

खैरागढ़: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार इस समय पूरे प्रदेश में प्रशासनिक अमला निर्वाचन संबंधी तैयारियों में जुटा हुआ है। केन्द्रीय और राज्य स्तरीय निर्वाचन संस्थाओं की मंशानुरूप इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ भी लोकतंत्र की मजबूती के इस अभियान में जोर-शोर से जुटा हुआ है।


दरअसल, विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री ममता चंन्द्राकर स्वयं इस बात के लिए सजग रहती हैं कि किसी भी सामाजिक, शैक्षणिक, प्रशासनिक और मानवीय सहयोग की कमी विश्वविद्यालय की तरफ से नहीं होनी चाहिए। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय के गोद ग्रामों में भी गतिविधियाँ बढ़ी हैं। कुलपति की मंशा के अनुरूप विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.आई.डी. तिवारी अपने प्रशासनिक दायित्वों का चुस्ती से निर्वहन कर रहे हैं। प्रशासनिक कसावट इन दिनों विश्वविद्यालय में ऐसी है कि किसी टेबल पर बेवजह कोई फाईल पेंडिंग नहीं रहती है, लेकिन इस कसावट के कारण कहीं कड़वाहट नहीं है। यह बेहतर और व्यवस्थित प्रशासन की पहचान है। कुलपति और कुलसचिव कार्यालय के बीच बेहतर समन्वय का परिणाम है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने निर्वाचन संबंधी महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के प्रो.डाॅ.अजय पांडेय को दी है। डाॅ. पांडेय इस पूरे कैंपस में शालीनता और विनम्रता के प्रतिमूर्ति माने जाते हैं। नोडल अधिकारी के रूप में डाॅ. पांडेय अपने दायित्वों का जैसा निर्वहन कर रहे हैं, वह प्रशंसनीय है। गत दिनों डाॅ. पांडेय के संयोजन में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार इस विश्वविद्यालय में ऑनलाईन कार्यक्रम आयोजित हुआ।

विश्वविद्यालय की तरफ से प्रो. काशीनाथ तिवारी, प्रो.डाॅ.योगेन्द्र चौबे समेत कई विभागाध्यक्ष, डीन, टीचर्स, स्टूडेंट्स और अन्य गणामान्य जनों ने उसमें हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में निर्वाचन संबंधी तमाम जानकारियाँ विस्तार से दी गईं। जिला प्रशासन के द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले निर्देशों और गाईड-लाईन का भी उल्लेख किया गया। गत 28 फरवरी को भारत निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शन अनुसार ‘My Vote is My future : power of one Vote’ शीर्षक पर National Awareness Contest के प्रचार-प्रसार हेतु जिले में स्थापित समस्त शासकीय, अशासकीय महाविद्यालय के स्वीप नोडल प्रोफेसर एवं प्राचार्यों को जिम्मेदारी दी गई है। इसी कड़ी में राजनांदगांव जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण एवं नोडल अधिकारी (स्वीप) द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर गाईड-लाईन जारी किए गए हैं।

भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग और जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार मतदाता जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। आपको बता दें कि खैरागढ़ विश्वविद्यालय निर्वाचन को लेकर प्रशासन की मंशानुरूप अपनी जिम्मेदारियों का सजगता से निर्वहन कर रहा है। नए मतदाता के रूप में 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले छात्र-छात्राओं को ‘लोकतंत्र में मतदान’ का महत्व समझाया जा रहा है। आम मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए चिन्हित स्थानों पर पोस्टर और पैम्फलेट चस्पा किए गए हैं। असल में पिछले कुछ सालों से विश्वविद्यालय की पूरी कार्यप्रणाली में बदलाव साफ नजर आ रहा है। साफ-सफाई, निर्माण कार्य, गार्डनिंग आदि तमाम ऐसी गतिविधियों में तेजी आई है, जिनके कारण विश्वविद्यालय की तस्वीर बदल रही है और इससे विश्वविद्यालय को प्रशंसा मिल रही है। खैरागढ़ विश्वविद्यालय परिसर दरअसल पर्यटन और पुरातत्व महत्व का भी स्थान है। प्रतिदिन यहाँ विजिटर्स आते हैं और यहाँ के वातावरण का आनंद उठाते हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय परिसर की समुचित साफ-सफाई, वृक्षारोपण, निर्माण संबंधी कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। आपको ज्ञात होगा कि गत दिनों राज्यपाल के दौरे के पूर्व यहाँ साफ-सफाई और व्यवस्थित करने का कार्य शुरू हुआ था, जो कि आज पर्यन्त निर्बाध रूप से जारी है। बीच में कोरोना के कारण परिसर खाली था। इस बीच समय का सदुपयोग करते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने निर्माण और जीर्णोद्धार कार्यों में तेजी बरती। इस तेजी से इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की छवि पहले की तुलना में अधिक उज्जवल और व्यवस्थित लग रही है। शैक्षणिक गुणवत्ता को इस संस्थान के शिक्षकों और प्राध्यापकों ने कोरोना काल में भी प्रभावित नहीं होने दिया।

सरकार के निर्देशानुसार ऑनलाईन क्लासेस चलती रहीं, लेकिन जैसे ही शासन ने ऑफलाईन क्लासेस लगाने के लिए गाईड-लाईन जारी की, वैसे ही खैरागढ़ विश्वविद्यालय परिसर की रौनक बदल गई। कुलपति पद्मश्री ममता चंद्राकर और कुलसचिव प्रो.आई.डी तिवारी श्रुति मंडल के अंतर्गत मंच पर नियमित रूप से होने वाले कार्यक्रमों पर भी समुचित ध्यान दे रहे हैं। खैरागढ़ विश्वविद्यालय प्रबंधन का मानना है कि चूंकि यहाँ कि शिक्षा प्रणाली अधिकांशतः प्रायोगिक गतिविधियों पर आधारित हैं, इसलिए प्रदर्शनकारी प्रयोग नियमित रूप से जारी रहने चाहिए। इससे शिक्षकों और विद्यार्थियों की गुणवत्ता सुधरेगी, वहीं आंतरिक मूल्यांकन की दृष्टि से भी ऐसी गतिविधियाँ आवश्यक है।

विश्वविद्यालय के प्रो.डाॅ.नमन दत्त, प्रो.डाॅ.लिकेश्वर वर्मा, प्रो.डाॅ.हिमांशु विश्वरूप, प्रो.डाॅ.योगेन्द्र चौबे, डाॅ.दीपशिखा पटेल, डाॅ.शिवाली सिंह बैस, सुगम शिवाले, देवेश कुमार, दुष्यंत यादव, विवेक कुमार, विशाल मुद्गल, अवध सिंह ठाकुर, ऋषभ भट्ट, शफीक हुसैन, कु. गुजन तिवारी, कु. तनुश्री चौहान, रानी सिंह, प्रो. जगदेव नेताम, डाॅ. शिवनारायण मोरे, कु. रोहिणी साहू, मैनाक देशमुख, कु. सागरिका मिश्रा, प्रो. डॉ. हरि ॐ हरि, प्रो. डॉ. शेख मेदिनी हुम्बल, डाॅ.बिहारी तारम, डाॅ.नत्थू तोड़े, मनोज डहेरिया, जानेश्वर टांडिया, भुनेश्वर साहू, वेदप्रकाश आदि दर्जनों प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, संगतकार और छात्र-छात्राओं की लगातार मेहनत से श्रुति-मंडल के प्रदर्शन में उत्तरोत्तर सुधार देखा जा रहा है। खैरागढ़ विश्वविद्यालय में ऑफफलाईन क्लासेस के साथ अकादमिक गतिविधियाँ भी तेज हो गई हैं। गत दिनों राज्यपाल के गोदग्राम जंगलपुर में विश्वविद्यालय की ओर से एनएसएस कैम्प लगाया गया था।

इस कैम्प में कुलपति पद्मश्री डाॅ. ममता चंद्राकर द्वारा निर्देशित ‘लोक में राम’ और थिएटर एवं लोकसंगीत के प्रमुख डाॅ.योगेन्द्र चौबे के निर्देशन में ‘पंचलाईट’ का प्रदर्शन किया गया। दोनों प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इन दिनों विश्वविद्यालय के थिएटर विभाग द्वारा सोफोलिक्स रचित नाटक ‘ईडिपस’ के शानदार मंचन की तैयारी की गई है। विश्वविद्यालय के सूत्रों ने जानकारी दी है कि विश्वविद्यालय के द्वारा 16 वें दीक्षांत समारोह और खैरागढ़ महोत्सव की तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। हालांकि इस संबंध में खैरागढ़ विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

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