दिल्ली: अमर कॉलोनी लाजपत नगर-4 में बुजुर्ग कुलवंत कौर (75) की हत्या उनकी पूर्व नौकरानी और उसके पति ने लूटपाट के लिए की थी। आरोपी बुजुर्ग के शरीर से जूलरी और मोबाइल लूटकर ले गए थे। अमर कॉलोनी थाना पुलिस ने हत्या की इस गुत्थी को 48 घंटे में सुलझाने का दावा करते हुए नौकरानी रानी और उसके पति योगेश अरोड़ा को छतरपुर महरौली से गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपियों के घर से महंगी विदेशी शराब की 93 बोतलें और देशी कट्टा बरामद किया गया है। अमर कॉलोनी थाना पुलिस ने इनके खिलाफ अवैध शराब व देशी कट्टा मिलने का महरौली थाने में मामला दर्ज कराया है। आरोपियों के कब्जे से लूटी गई पूरी ज्वेलरी व मोबाइल बरामद कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त(लॉ एंड ऑर्डर-2) डा. सागरप्रीत हुड्डा ने बताया कि कुलवंत कौर के घर में घायल पड़े होने की सूचना आठ नवंबर को मिली थी। उन्हें एनएचआई अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बुजुर्ग के शरीर से जूलरी गायब थी और शरीर पर चोट के निशान थे। मामला दर्जकर एसीपी, कालकाजी प्रदीप कुमार की देखरेख में अमर कॉलोनी थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार, स्पेशल स्टाफ प्रभारी ऐशवीर सिंह, एएटीएस प्रभारी राजिंद्र डागर, इंस्पेक्टर संदीप कुमार व एसआई अंकुर कुमार की टीम ने जांच शुरू की।
जांच में ये पता लगा कि वृद्धा के शरीर से जूलरी जबरदस्ती खींची गई है और शरीर पर चोट के निशान हैं। ये भी पता लगा घर में फ्रेंडली इंट्री थी। सीसीटीवी खंगाले गए। जांच में पता लगा कि बुजुर्ग के घर में काम करने वाली नौकरानी रानी हाल ही में उनसे मिलने आई थी। इस दौरान बुजुर्ग ने रानी का नंबर नोट कर लिया था।
पुलिस को ये नंबर मिल गया था। इस नंबर के जरिए पुलिस रानी और उसके पति योगेश अरोड़ा तक पहुंच गई। करीब 18 घंटे बाद इनको छतरपुर में तलाश लिया। इसके बाद थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार की टीम ने छत्तीसगढ़ निवासी रानी और वसुंधरा पंचशील, गोवर्धन रोड मथुरा यूपी निवासी योगेश अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया।
योगेश की महीने की कमाई करीब सात हजार रुपये थे। ऐशोआराम की जिंदगी जीने के लिए ये पैसे पर्याप्त नहीं थे। रानी पश्चिमी दिल्ली में घरेलू सहायिका का काम कर रही थी, मगर एक महीने से वह छुट्टी पर थी।
ऐसे में दोनों ने बुजुर्ग कुलवंत कौर की हत्या और लूटपाट की साजिश रची। साजिश के तहत रानी छह नवंबर को पीड़ित के घर रैकी करने गई थी। यहां पता लगा कि बुजुर्ग अकेली रहती है और उसे आसानी से टागरेट किया जा सकता है। योगेश का पहले रेस्टोरेंट था, मगर लॉकडाउन में उसे भारी घाटा हो गया था।