हाईकोर्ट में गरमाया ऑक्सीजन आपूर्ति का मुदद, कोर्ट ने कहा- जिस अफसर ने बाधा डाली उसे हम लटका देंगे

नई दिल्ली: दिल्ली के महाराजा अग्रसेन अस्पताल उन अस्पतालों में शामिल है जहां पर कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की भारी किल्लतों का सामना करना पड़ रहा है। ऑक्सीजन की कमी को दूर करने और तत्काल सप्लाई के लिए महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई है। महाराजा अग्रसेन के अलावा 3 और अस्पतालों ने भी याचिका लगाई है।

हाई कोर्ट में महाराजा अग्रसेन अस्पताल के अलावा जयपुर गोल्डन, सरोज अस्पताल और बत्रा अस्पताल ने भी याचिका लगाई है।

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली सरकार को ऑक्सीजन टैंकरों की खरीद के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे। हम दोनों सरकारों के अधिकारियों से बातचीत और समन्वय की उम्मीद करते हैं। कोर्ट ने कहा कि हम सभी ऑक्सीजन सप्लायर्स को निर्देशित करते हैं कि वे दिल्ली के अस्पतालों में दिए जाने वाले ऑक्सीजन का पूरा विवरण उपलब्ध करवाएं।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार के इस बयान को रिकॉर्ड किया कि उनके पास 10 आईएएस अधिकारी और 14 डीएएनआईसीएस अधिकारी दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई की निगरानी कर रहे हैं।

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि यह दूसरी लहर नहीं है बल्कि यह एक सुनामी है और अभी भी नए मामलों में तेजी आ रही हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि मई के मध्य में यह पीक पर पहुंच जाएगा। हम इसकी तैयारी कैसे कर रहे हैं?

केंद्र ने हाई कोर्ट से कहा कि आने वाले हफ्तों में नए मामलों में तेजी से वृद्धि हो सकती है। यह पैनिक करने की जरुरत नहीं है, लेकिन हमें सबसे बुरे के लिए तैयार रहना होगा।

केंद्र ने कोर्ट से कि कल दिल्ली सरकार का एक आदेश पारित हुआ था, जिसने ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर मूमेंट बाधित हो गया था, इस पर कोर्ट ने कहा कि हमने ज्यादातर अस्पतालों को यह कहते सुना है कि उनके यहां आपात की स्थिति है।

दिल्ली को 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति पर हाई कोर्ट ने पूछा कि हम 480 मीट्रिक टन की आपूर्ति की उम्मीद कब तक करें। जो गलत है वो गलत है। कुल मिलाकर इसे आम जनता को ही वहन करना पड़ेगा।

हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा आपको मिलकर काम करने की जरुरत है। कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन उपलब्ध है लेकिन टैंकर एक मुद्दा है।

दिल्ली सरकार ने कहा कि केंद्र ने हमें आश्वासन दिया है कि 480 मीट्रिक टन आपूर्ति की जाएगी लेकिन ऐसा नहीं किया गया है।

केंद्र का कहना है कि विदेश से टैंकर आयात किए जा रहे हैं। राज्य सरकारें टैंकरों की व्यवस्था के लिए समान रूप से मेहनत कर रही है। दिल्ली सरकार और अन्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा।

दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार की ओर से दो प्रतिष्ठित उद्योगपतियों से संपर्क किया गया है। अधिकांश राज्य सरकारें पहले से ही टैंकरों का उपयोग कर रही हैं। ट्रांसपोर्टेशन महत्वपूर्ण है लेकिन ट्रांसपोर्टेशन नहीं हो रहा है।

इससे पहले महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने दिल्ली से ऑक्सीजन की तत्काल आपूर्ति की मांग की है। अस्पताल का कहना है कि हम 306 रोगियों के साथ दो अस्पताल चला रहे हैं। कल रात ही हमारे यहां ऑक्सीजन लगभग खत्म हो चुकी थी। हमें दिल्ली के वकील का शुक्रिया अदा करना चाहिए, लेकिन हमारे पास आज दोपहर तक ऑक्सीजन खत्म हो जाएगी। इस वजह से हम मरीजों को डिस्चार्ज कर रहे हैं।

सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस संबंध में विस्तृत ब्योरा मांगा है। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार को अपने खुद का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की जरुरत है। वहीं, कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर कोई ऑक्सीजन की सप्लाई में रुकावट पैदा करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

हाई कोर्ट ने केंद्र से सख्त लहजे में कहा कि हम एक निश्चित तारीख चाहते हैं कि दिल्ली को 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कब तक मिलना शुरू होगा। कोर्ट ने कहा कि कोई भी आपके इरादों पर संदेह नहीं कर रहा है, लेकिन फैक्ट यही है कि 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दिल्ली तक नहीं पहुंच रही है। हम लोगों को इस तरह मरने नहीं दे सकते।

इस बीच कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील और सॉलिसिटर जनरल के बीच नोक-झोंक हो गई और एक दूसरे पर निशाना साधा। सॉलिसिटर जनरल ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि मैं अब आपको चेतावनी दे रहा हूं, आप मेरे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। आप जो कर रहे हैं वो बर्दाश्त करने लायक नहीं है। हम यहां चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। केंद्र ने कहा कि पूर्वी राज्यों में 15,000 टन से अधिक ऑक्सीजन है। स्टॉक में तेजी आ रही है।

इस बीच, जयपुर गोल्डन अस्पताल की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट को बताया गया कि कल (शुक्रवार) ऑक्सीजन की कमी से उसके यहां 25 मरीजों की मौत हो गई।

एएसजी के माध्यम से केंद्र ने हाई कोर्ट को बताया कि हमारे अधिकारी लगातार दिन-रात काम कर रहे हैं कि ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। केंद्र के अधिकारी पीयूष गोयल ने कहा कि कल हरियाणा और यूपी में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा था। केंद्र ने कहा कि भारतीय वायु सेना दुर्गापुर से ऑक्सीजन को एयरलिफ्ट करने की योजना पर कर रही है।

इससे पहले महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने हाई कोर्ट से कहा कि हमें अपने मरीजों के लिए ऑक्सीजन की तत्काल आवश्यकता है। क्रिटिकल केयर यूनिट में 106 मरीज भर्ती हैं। अगर ऑक्सीजन नहीं मिली तो मरीजों को डिस्चार्ज करना पड़ेगा।

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि कल शुक्रवार को दिल्ली को केवल 295 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिला जबकि उसे 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित किया गया है। दिल्ली सरकार के वकील ने ऑक्सीजन निर्माता कंपनी भी अपने ओर से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं कर रहे हैं।

दिल्ली सरकार ने कोर्ट से कहा कि अगर हमें आवंटित 480 मीट्रिक टन तुरंत नहीं मिला तो कुछ गंभीर घटनाएं हो जाएंगी। अगर चीजें क्रम में नहीं डाली जाती हैं तो 24 घंटे के भीतर पूरा कामकाज ध्वस्त हो जाएगा।

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अभी हम 2 से 3 घंटे के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं, क्योंकि हमारे पास 24 घंटे का समय निर्धारित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। हमारे 140 अस्पताल और नर्सिंग होम हैं जो अभी संघर्ष कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम एक बैक अप टीम बना रहे हैं। हम इसे आसानी से नहीं ले रहे। इसमें इंसानी जिंदगी दांव पर लगी हुई है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के वकीलों के बीच तीखी बहस भी हुई।

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