BILASPUR | कोर्ट में युवती ने कहा- मैंने बिना दबाव के धर्म परिवर्तन किया, अब पति के साथ रहना चाहती हूं, फैसला सुनाते हुए जज ने पति के साथ रहने की दी इजाजत

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन कर शादी रचाने वाली युवती को सुरक्षा के साथ उसके पति के पास भेजने का आदेश दिया है। दरअसल, दो बच्चों के पिता से विवाद होने पर उसकी पत्नी साथ छोड़कर चली गई। इधर, पत्नी के साथ छोड़ने पर मुस्लिम युवक ने एक दूसरी हिंदू लड़की से निकाह कर लिया था। लड़की ने कोर्ट में बयान दिया कि उसने बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया था।

मुस्लिम लड़के से निकाह के बाद लकड़ी के पिता ने थाने में शिकायत कर दी थी। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने लड़की को नारी निकेतन भेज दिया था। इससे परेशान होकर पति ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दी थी। मामले की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी व जस्टिस गौतम चौरड़िया की डिवीजन बेंच ने यह आदेश दिया है।

महासमुंद के बसना निवासी मोहम्मद इरफान (28 साल) ने अधिवक्ता पुनीत रूपारेल के माध्यम से हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इसमें बताया कि हिंदू लड़की ने खुद की सहमति पर उससे 2021 में धर्म परिवर्तन करा मुस्लिम जमात में मुस्लिम धर्म की रीति रिवाज से निकाह किया। इसकी जानकारी होने के बाद लड़की के पिता ने थाने में शिकायत कर दी। इसे सांप्रदायिक रूप देकर विवाद बढ़ा दिया था। याचिका में याचिकाकर्ता ने अपनी पत्नी को वापस दिलाने की मांग की थी।

दो बच्चों का है पिता, पहली पत्नी से है विवाद
इस मामले की सुनवाई के दौरान तथ्य आया कि याचिकाकर्ता इरफान की पहले से ही एक पत्नी और दो बच्चे हैं जो अलग रह रहे हैं। पत्नी के अलग होने पर उसका एक हिंदू लड़की से प्रेम प्रसंग हो गया और उसने शादी कर ली। इस पर लड़की के पिता ने बसना थाने में शिकायत दर्ज करा दिया। याचिका में यह सवाल उठा कि पहली पत्नी के सहमति बिना कोई दूसरा विवाह नहीं कर सकता।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि मुस्लिम लॉ के मुताबिक दूसरा विवाह बिना सहमति के जायज है। इस सवाल के बदले जवाब में कहा गया कि यदि पति या पत्नी सरकारी नौकरी में हो तो सहमति लेना ही पड़ता है। वहीं पहली पत्नी ने कहा कि इरफान उसे भरणपोषण नहीं दे रहा। इस मामले में उठे सवाल पर हाईकोर्ट ने पूछा कि महिला को भरणपोषण मिल रहा है या नहीं? तब बताया गया है कि वह अपनी पत्नी को भरण पोषण दे रहा है। सभी पक्षों का जवाब आने और बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था।

युवती बोली-मैंने अपनी मर्जी से किया किया धर्म परिवर्तन
इस मामले की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने युवती का पक्ष सुना, तब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वह कोर्ट में उपस्थित हुई। नारी निकेतन में रहने वाली युवती ने कोर्ट से कहा कि उसने बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर शादी की है। अब वह अपने पति के साथ ही रहना चाहती है। इसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।

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