नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े परिवार के मुखिया माने जाने वाले मिजोरम के जिओना चाना को लेकर लगभग 2 दिनों पहले खबर आई थी कि उनका निधन हो चुका है। हालांकि उनका परिवार अब भी उन्हें आखिरी अलविदा कहने के लिए तैयार नहीं है और जिओना की फैमिली का मानना है कि वे अभी भी जिंदा हैं।
76 साल के जियोना हायपरटेंशन और डायबिटीज के मरीज थे। रविवार को एजवाएल के त्रिनिटी अस्पताल में डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। हालांकि जिनोवा के परिवारवालों का कहना है कि उनका शरीर अब भी गर्म है और उनकी पल्स लगातार चल रही है।
लाल्पा कोहरान थार के सेक्रेटरी जेतिन खुमा का कहना है कि जियोना को जब अस्पताल से वापस घर लाया जा रहा था तब उनकी दिल की धड़कन एक बार फिर सामान्य होने लगी थी। उन्होंने कहा कि जिओना का शरीर अब भी ठंडा नहीं पड़ा है और ऐसे हालातों में उनके अंतिम संस्कार को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
साल 1942 में हमावंगकान गांव से निकाले जाने के बाद जिओना के दादा ने एक संप्रदाय का गठन किया था। चुआंथर ग्राम परिषद के अध्यक्ष रामजुआवा के अनुसार, 433 परिवारों के 2,500 से अधिक सदस्य संप्रदाय का हिस्सा हैं, जिसकी स्थापना लगभग 70 साल पहले जिओना के चाचा ने की थी।
उन्होंने आगे कहा कि श्ये सभी लोग जिओना का बेहद सम्मान करते हैं और जब तक वे आश्वस्त नहीं हो जाते कि उनका निधन हो चुका है तब तक ये लोग उनका अंतिम संस्कार नहीं करना चाहेंगे। बता दें कि जिओना चाना चुआंथर संप्रदाय के नेता भी हैं।
गौरतलब है कि चाना का जन्म 21 जुलाई 1945 को हुआ था. उनके बारे में कहा जाता है कि उनकी पहली शादी 17 साल की उम्र में हुई थी उसके बाद उन्होंने 38 शादियां और की थीं। चाना का परिवार मिजोरम के पहाड़ी गांव बक्तावंग तलंगनुम में रहता है।
बता दें कि चाना की 39 पत्नियों से 94 बच्चे हैं। इसके अलावा उनकी 14 बहुएं और 33 पोते-पोतियां है। ये सभी लोग एक ही घर में साथ रहते हैं। चाना का चार मंजिला घर है और इस घर में लगभग 100 कमरे हैं। चाना के परिवार में मौजूद कुल 162 लोग इस घर में रहते हैं।
चाना अपने बेटों के साथ मिलकर बढ़ईगिरी का काम करते हैं। चाना के लंबे परिवार के चलते बकटवांग गांव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बना हुआ है। जिओना के निधन की खबर पर मिजोरम के सीएम जोरमथांगा ने शोक भी जताया था।