सूरत: गुजरात के सूरत में 15 साल की नाबालिग लड़की के साथ 19 साल के युवक ने रेप किया। पीड़िता के परिवार की शिकायत के बाद आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बाद में आरोपी के परिवार ने लड़की के परिवार को तीन बकरियां और 75 हजार रुपये देकर समझौते की कोशिश की। आरोपी पक्ष के वकील ने समझौते की बात को कोर्ट सामने बताते हुए आरोपी युवक को जमानत देने की अपील की। यह दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका ही खारिज कर दी।
मामला दरअसल, एक साल पुराना है। 17 अक्टूर को आरोपी युवक के खिलाफ थाने में पॉक्सो ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। उस पर 15 साल की नाबालिग किशोरी के साथ रेप का आरोप था। एक साल पहले आरोपी और पीड़िता के परिवार में इसे लेकर जमकर विवाद हुआ था। आरोपी के परिवार ने कानूनी उम्र हो जाने पर दोनों की शादी कराने का प्रस्ताव भी पीड़िता परिवार के सामने रखा था।
बताया गया कि इसके बाद आरोपी ने पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए, जिसके बाद किशोरी गर्भवती हो गई। दोनों पक्षों में विवाद बढ़ा तो आरोपी के परिवार ने तीन बकरियां और 75 हजार रुपये देकर समझौता कराने की कोशिश की। इस बीच पुलिस ने पीड़िता के पक्ष की तहरीर पर केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया था। आरोपी की जमानत को लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।
आरोपी के वकील ने बेल के लिए आरोपी के परिवार की ओर से तीन बकरियों और 75 हजार के समझौते की रकम देने का जिक्र किया तो मामला उल्टा पड़ गया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के परिवार ने समझौता करने की कोशिश की, इसका मतलब है कि आरोपी ऐसे अपराधों का अभ्यस्त है। यह साबित करता है कि उसने लड़की का सूरत स्थित इसके पैतृक गांव से अपहरण किया था और और उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए थे।
आरोपी की जमानत का विरोध करते हुए पीड़िता के पक्ष के वकील ने कहा कि लड़की नाबालिग है। आरोपी ने पीड़िता को लालच देकर उसके साथ रेप किया और उसे प्रेगनेंट किया। उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। वह दूसरे राज्य का निवासी है। ऐसे में अगर उसे बेल दिया जाता है तो वह भाग सकता है, जिससे पीड़िता को न्याय से वंचित होना पड़ सकता है।
इसके बाद कोर्ट ने लड़की की मां के हलफनामे का जिक्र किया, जिसमें आरोपी पक्ष द्वारा धमकी देने की बात कही गई थी। कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी को जमानत दी जाती है तो वह पीड़िता के परिवार को फिर धमकी दे सकता है, या सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। या फिर अपराध को दोबारा अंजाम दे सकता है। ऐसा कहते हुए कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।