समस्तीपुर: केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ 18 दिन से किसान दिल्ली को घेरे बैठे हैं। वहीं दूसरी ओर अपने खून-पसीने की मेहनत से तैयार की गयी गोभी की फसल को उचित दाम न मिलने से किसान इतना हताश हो गया कि उसने लहलहाती फसल पर ट्रैक्टर चला दी।
मामला मुक्तापुर का है, जहां ओमप्रकाश यादव ने बताया है कि गोभी की खेती में चार हजार रुपये प्रति कट्ठा का खर्च होता है और मंडी में कोई भी 1 रूपये किलो में खरीदने को तैयार नहीं है। प्रकाश ने बताया कि गोभी की फसल को कटवाने के लिए मजदूर लगाने पड़ते हैं, फिर बोरा खरीद कर उसमें भरवाना होता है, मंडी तक जाने के लिए वाहन का खर्च और उसके बाद भी आढ़तिए एक रुपये प्रति किलो गोभी नहीं खरीद रहे हैं। इसलिए मजबूरन अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलाने का दुखद फैसला लेना पड़ा।
ओम प्रकाश यादव ने कहा कि अब वे इस जमीन पर गेंहू रोपेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार से एक रुपया लाभ नहीं मिल रहा है. इससे पहले उनका काफी गेहूं खराब हो गया था तो सरकार से एक हजार 90 रुपया का मुआवजा मिला था. इस किसान ने कहा कि वह 8 से 10 बीघे में खेती करते हैं और सरकार की ओर से एक हजार रुपया क्षतिपूर्ति मिलता है.
किसानों ने बताया कि जितना खर्च वह गोभी की फसल को बोने और तैयार करने में लगाते हैं, उसका मूल भी वापस नहीं आता। ऐसे में फसल को नष्ट कर देना ही उचित है। किसान को खेत में ट्रैक्टर चलाते देखकर आस-पास के वहां पहुंच गए और गोभी उठाकर ले जाने लगे। किसान ने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि गांववाले मेरे अपने हैं और मेरी उगाई हुई सब्जी को वो लेकर जा रहे हैं।