रायपुर | मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज सिहावा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बेलरगांव में आम जनता से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मैंने, जो पहला काम किया था, वह था किसानों की ऋण माफी। उन्होंने कहा कि शपथ के लेने के बाद वह सीधे मंत्रालय गए और राज्य के लगभग 19 लाख किसानों पर बकाया साढ़े नौ हजार करोड़ रूपए की ऋण माफी की फाइल पर हस्ताक्षर किए।
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की आय और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए बीते चार सालों में आजीविका के विविध साधन सृजित किए गए हैं। उन्होंने राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक जैसी अभिनव योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह योजनाएं लोगों के जीवन को बेहतर बनाने वाली योजनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर नगरी-सिहावा क्षेत्र के विकास के लिए कई सौगातें दी। मुख्यमंत्री ने बेलरगांव में सामुदायिक भवन, सांकरा-घठुला-बेलरगांव-जैतपुरी मार्ग चौड़ीकरण, राजपुर से कर्राघाटी तक पक्की सड़क, मुरूमसिल्ली बांध की सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन वॉल निर्माण और डिस्टर्व पिचिंग का सुधार, बालका नदी के कर्णेश्वर संगम मंदिर तक तटबंध निर्माण, बाजार कुर्रीडीह में धान खरीदी केंद्र, ग्राम पंचायत खैरभर्री में आमानाला नदी के किनारे पुल निर्माण, गोविन्दपुर में डोंगापथरा के पास पुल निर्माण, करैया से सारंगपुरी पहुंचमार्ग एवं करैहा से आड़मुड़ा मार्ग में पुलिया निर्माण, अमाली, गुडरापारा, राजपुर और लखनपुर में मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के क्रियान्वन हेतु शेड निर्माण, ग्राम पंचायत चनागांव, गेदरा, उमरगांव, कांटाकुर्रीडीह, लखनपुरी, कसपुर, बनबगौद, परसापानी, कल्लेमेटा, भड़सिवना, हिर्रीडीह, घठुला और खम्हरिया में देवगुड़ी निर्माण एवं जीर्णाेंद्धार कराए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि एवं किसानों की बेहतरी के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरूआत की गई। उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू करने के बाद ही कोरोना की वैश्विक महामारी आ गई। काम-धंधे ठप हो गए। राज्य की वित्तीय स्थिति पर भी इसका प्रभाव पड़ा, इसके बावजूद भी हमने किसान भाईयों को इस योजना के तहत 1500 करोड़ रूपए की पहली किश्त 21 मई 2020 को जारी की। किसान भाईयों को चार किश्तों में कुल 5628 करोड़ रूपए दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत चार किश्तों में राशि दिए जाने पर कुछ लोगों ने एतराज जताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार किश्तों में राशि दिया जाना, किसान भाईयों के लिए खेती-किसानी, तीज त्यौहार, वैवाहिक कार्यक्रमों एवं अन्य जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित हुई है। इस योजना के तहत अब तक राज्य के 24 लाख किसान भाईयों को 16 हजार 415 करोड़ रूपए की मदद दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इस साल हमने दीपावली का त्यौहार मनाने के लिए योजना की तीसरी किश्त की राशि जो एक नवम्बर राज्योत्सव के अवसर पर जारी की जाती थी, उसे 17 अक्टूबर को ही किसान भाईयों के बैंक खाते में डाल दिया था, ताकि 24 अक्टूबर को दीपावली का त्यौहार वह अच्छे से मना सके।
उन्होंने कहा कि चौथी और आखरी किश्त 31 मार्च को किसानों को जारी कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के जरिए यह साबित हो चुका है कि गोबर बेचकर भी पैसा कमाया जा सकता है। अब गौमूत्र की भी खरीदी की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए बजट में वृद्धि करने के साथ ही अंग्रेजी माध्यम में निःशुल्क शिक्षा के लिए स्कूल प्रारंभ किए हैं। आज राज्य में 279 स्कूल संचालित है। जिनके माध्यम से गरीब परिवार के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है। गांव के बच्चे भी अब फर्राटे से अंग्रेजी में बातचीत करने लगे हैं। हमने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संरक्षित करने के साथ ही बढ़ावा देने का काम किया है। तीज त्यौहारों पर अवकाश, आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए देवगुड़ी के विकास का काम कर रहे हैं। राम वन गमन पर्यटन परिपथ का विकास कर रहे हैं। लोगों की आस्था और श्रद्धा को देखते हुए चंदखुरी, शिवरीनारायण एवं राजिम में विकास के कामों के साथ-साथ भगवान राम की भव्य प्रतिमा स्थापित की है।
कर्जमाफी से ऋण की जमा राशि मिली वापस
बेलरगांव में भेंट-मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को सलोनी गांव के कृषक झंकेश्वर साहू ने बताया कि किसानों की ऋण माफी से उनका 4 लाख 80 हजार रूपए का ऋण माफ हुआ है। कृषक झंकेश्वर साहू ने बताया कि उसने कृषि ऋण की यह राशि धान बेचकर जमा कर दी थी। ऋण माफी की घोषणा के बाद बैंक ने कर्ज के एवज जमा की गई पूरी राशि 4.80 लाख रूपए उनके खाते में लौटा दी। कृषि ऋण माफी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से मिल रही मदद के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि इससे राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी हुई है। कृषक झंकेश्वर साहू के पास 40 एकड़ कृषि भूमि है।
अब वह धान के अलावा गन्ने की खेती करने लगे हैं। खेती-किसानी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से मिल रही मदद के चलते उन्होंने दो ट्रेक्टर भी खरीद लिया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से उन्हें प्रत्येक किश्त में लगभग 1 लाख 20 हजार रूपए मिल रहे हैं। जिसके चलते वह अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए उन्हें भिलाई और धमतरी में पढ़ा रहे है। मुख्यमंत्री ने कृषक झंकेश्वर साहू से मजाकिया लहजे में पूछा कि बहू के लिए क्या खरीदे, तो श्री झंकेश्वर साहू ने मुस्कुराते हुए बताया कि अपनी पत्नी के लिए सोने का बड़ा सा रानी हार खरीदा है।