DHAMTARI | सांसे हो गयी थी बंद, धड़कनों ने भी दे दिया था धोखा, ऑल इज वेल वाले फॉर्मूले से जिंदा हुई बच्ची

धमतरी. छत्तीसगढ़ के धमतरी के मगरलोड ब्लॉक के केकरा खोली गांव में हैरान करने वाली घटना हुई. गर्भवती कुलेश्वरी को सोमवार को प्रसव पीड़ा हुई. गांव की मितानिन को बुलाया गया और मितानिनों ने प्रसव करवाया, जिसमे एक कन्या का जन्म हुआ, लेकिन नवजात की न सांसें चल रही थीं और न ही धड़कन. इसी बीच 102 सेवा वाली महतारी एक्सप्रेस भी गांव में पहुंची. तब मितानिनों ने बच्चे की हालत के बारे में 102 स्टाफ को बताया. क्रिटिकल स्थिति को देखते हुए फौरन जच्चा और बच्चा दोनों को 102 एम्बुलेंस में डाल कर धमतरी जिला अस्पताल के लिए रवाना किया गया. हालांकि इस बीच नवजात के परिजनों ने उसे मृत ही समझ लिया था.

इस बीच मेडिकल स्टाफ ने फिल्म थ्री इडियट के ऑल इज वेल फॉर्मूला को अपनाया. मेडिकल स्टाफ ने रास्ते में 102 में ईएमटी सरजू राम साहू ने बच्चे को मुंह से सांस दिया. नाक में भरे पानी को निकाला और कार्डियक मसाज दिया. थोड़ी देर की कोशिश में ही बच्चे की धड़कन शुरू हो गई, वो सांस लेने लगा और रोने भी लगा. फिलहाल बच्चे को जिला असपताल में एसएनसीयू के अंदर ऑक्सिजन पर रखा गया है और बच्चे की मां कुलेश्वरी भी भर्ती है.

जन्म के पांच मिनट होते हैं महत्वपूर्ण

इस मामले में धमतरी जिले के सीएमएचओ डॉ. डी के तुर्रे ने बताया कि हमारा 102 स्टाफ इस तरह की इमेजेन्सी के लिए पहले से प्रशिक्षित किया जाता है. डॉक्टर ने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद के पहले 5 मिनट काफी महत्वपूर्ण होते है. इस बीच बच्चा पैदा होते ही न रोए या सांस न ले तो फौरन सीपीआर देकर उसको बचाया जा सकता है. अगर 5 मिनट से ज्यादा का वक्त बीत जाए तो बच्चे के रिवाइवल और सर्वाइवल लर चांस कम होते जाते हैं. ताजा मामले में 5 मिनट से ज्यादा का वक्त हो चुका था, फिर भी बच्चा बच गया. ये चमत्कार की तरह कहा जा सकता है.

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