देवास: मध्य प्रदेश के देवास के एक शिक्षक की बिटिया की शादी का कार्ड खूब वायरल हो रहा है। इस कार्ड में सोसायटी के लिए तमाम तरह की सीख दी हैं। निमंत्रण पत्र में पूर्वजों को साक्षी मानते हुए कार्ड के जरिए बेटी बचाओ, बिजली बचाओ, प्रकृति बचाओ, संस्कृति बचाओ का भी मैसेज दिया है। साथ ही पंचतत्व (क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा) के साथ आदिवासी परंपरा की भी झलक है।
आज है शादी
देवास जिले के बागली के मालीपुरा गांव के रहने वाले शिक्षक बालूसिंह मूवेल ने अपनी बेटी गायत्री की शादी के लिए निमंत्रण कार्ड छपवाया है। इसमें उन्होंने लिखवाया है कि भले ही एक रोटी कम खाओ, लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाओ, क्योंकि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा, दहाड़ेगा जरूर। बिरसा मुंडा के बताए रास्ते पर चलने की सीख है। इस कार्डपर आदिवासी गीत भी प्रिंट हैं। शिक्षक बालूसिंह ने बताया कि बेटी की शादी 15 अप्रैल को धार के जतिन के साथ हो रही है। वे शादी को परंपरा अनुसार ही करना चाह रहे थे। यही वजह है कि उन्होंने शादी का कार्ड कुछ अलग हटकर बनवाया।
रीति-रिवाज के पालन के लिए
बालूसिंह बढ़पुरा प्राथमिक विद्यालय में टीचर हैं। उनके दो बेटे और बेटी है। गायत्री सबसे बड़ी है। गायत्री ने इंदौर से हिंदी साहित्य से एमए किया है। वह अभी बीएड कर रही है। उसने बताया कि उसका सपना टीचर बनने का है। वहीं, धार जिले के पडियाल निवासी दूल्हा जतिन भी ग्रेजुएट हैं। अभी आईआईटी के साथ कॉप्टीटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं। शादी के चार पेज के कार्ड को पश्चिम निमाड़ खरगोन के ग्राम खोलगांव के रहने वाले राकेश देवड़े बिरसावादी ने डिजाइन किया है। राकेश के अनुसार अपनी प्रकृति, संस्कृति, सभ्यता, भाषा, बोली, परंपरा, रीति-रिवाज को संरक्षित करने तथा शिक्षा के प्रति अलख जगाने के उद्देश्य से यह पत्रिका डिजाइन की गई है।