उज्जैन: मोबाइल गेमिंग की लत कितनी भारी पड़ सकती है ये अक्सर देखने-सुनने में आता है। कई बार कुछ गेम्स के कारण बच्चों की जान तक गई है, बावजूद इसके बच्चों को मोबाइल गेमिंग की लत है और इसका उनके दिमाग पर इतना बुरा असर हो रहा है कि वे कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। उज्जैन में मोबाइल गेमिंग की लत की ऐसी ही घटना सामने आई जिसने परिवार की नींद उड़ा दी।
घटना मध्यप्रदेश के उज्जैन की है। यहां दसवीं कक्षा का एक छात्र मोबाइल गेमिंग की लत के चलते घर छोड़ने पर मजबूर हो गया। घरवालों की डांट के डर ने उसे ऐसा करने को मजबूर किया और इतना ही नहीं बच्चे ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी तक रच दी। पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा किया है।
घर से भाग गया था छात्र
दरअसल 28 अक्टूबर की रात को दसवीं कक्षा का छात्र घर से गायब हो गया था। परिजन ने उसे तलाशा लेकिन पता नहीं चला। इसी बीच बच्चा इंदौर के राजबाड़ा में कुछ लोगों को दिखा तो पुलिस को सूचना दी। इंदौर पुलिस ने बच्चे को पकड़ा तो उसने बताया कि कुछ लोग उसका अपहरण करके ले जा रहे थे। मारपीट कर कार की डिक्की में डाल दिया था। जैसे-तैसे वह बचकर इंदौर पहुंचा। उसने उज्जैन के अपने घर का पता बताया। इंदौर पुलिस ने उज्जैन की कोतवाली पुलिस को सूचना दी। कोतवाली पुलिस ने बच्चे से पूछताछ की। उसकी बातें बार-बार बदली हुई लगी तो पुलिस ने भरोसे में लेकर सच्चाई जानने की कोशिश की। इसके बाद जो कहानी सामने आई उसने सबके होश उड़ा दिए।
इसलिए रची अपहरण की कहानी
पुलिस को बच्चे ने बताया कि उसे फ्री फायर गेम खेलने की आदत है। वह दिनभर मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलता है। गेम में डायमंड पैक्स खरीदने के लिए उसने अपनी मां के अकाउंट से 1500 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए। अकाउंट से रुपए निकलते है मां के मोबाइल में मैसेज आया इससे वह घबरा गया। उसे लगा कि अब घरवाले उसे डांटेंगे। इसलिए वह घर कोचिंग जाते समय घर से भागकर इंदौर चला गया और खुद के अपहरण की कहानी बनाई। बच्चे ने अपहरण को सच साबित करने के लिए खुद को घायल भी किया और हाथ पर चोट के निशान लगाए।