शहडोल: मध्य प्रदेश के शहडोल से बड़ी खबर सामने आई है. यहाँ ऑक्सीजन की कमी से 12 संक्रमित मरीज़ों की मौत हुई है. मरीज़ों ने तड़पते हुए दम तोडा है. शहडोल मेडिकल अस्पताल में मौत का तांडव रात 12 बजे से शुरू होकर सुबह तक जारी रहा. प्रशासन मूक दर्शक बन मौत के खेल को देख रहा था. शहडोल मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिलारकर ने कहा है की ऑक्सीजन का प्रेशर कम होने के कारण मौतें हुई हैं.
ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई मौत
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि उनकी शहडोल के मेडिकल डीन से बात हुई है। जिन मरीजों की मौत हुई है। वे गंभीर अवस्था में थे। ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई। जरूरत होगी तो इस मामले की जांच कराएंगे।
ये है सच्चाई
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मामले की सच्चाई यह है कि 180 सिलेंडर लेकर एक ट्रक शनिवार रात 11 बजे अस्पताल पहुंच जाना था, लेकिन दमोह में वह खराब हो गया. इसकी सूचना शहडोल जिला प्रशासन को देर शाम तक नहीं मिली. इसके बाद मरीज़ों की हालत ख़राब होना शुरू हुई. अधिकारी भी पहुंच गए और ऑक्सीज़न की आपूर्ति की कोशिश में लग गए, लेकिन आखिर ये संभव नहीं हो पाया और एक रात में एक अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 12 मौतें हो गई.
इस घटना ने ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम की पोल खोल दी है. सरकार के सभी दावे कागजों तक ही सीमित दिखाई दे रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले वाहनों को एंबुलेंस का दर्जा दिया गया है. इन्हें प्लांट से रवाना होने से लेकर अस्पताल तक पहुंचाने के दौरान पुलिस का वाहन आगे रहेगा, लेकिन दमोह में टैंकर खराब होने के बाद वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई.