बालोद: एक संत की अद्भुत पहल सामने आई है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिले और इलाज़ के लिए किसी को भटकना न पड़े, इस उद्देश्य से बालोद जिले के एक संत ने अपने गांव में एक अस्पताल भवन निर्माण का बीड़ा उठाया है। इस भवन निर्माण में आने वाले करीब 30- 50 लाख रुपये का खर्च भी स्वयं उठाने का निर्णय संत ने लिया लिया। जिस गांव में पहले आसानी से डॉक्टर नहीं मिलते थे, वहां अब अस्पताल बनाने की कवायद शुरू हो गई है।
बालोद जिला मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम दुपचेरा में 50 लाख की रुपए दान की राशि से अस्पताल बन रहा है। यहां के 85 वर्षीय संत गुरुसुख दास साहेब ने अपनी राशि गांव में अस्पताल बनाने के लिए दान कर दी। पत्नी के निधन के बाद गुरुसुख दास ने दान करने का निर्णय लिया है। राशि दान करने के बाद ग्राम विकास समिति व ग्राम पंचायत की सहमति के बाद पंचायत के पास शासकीय भूमि पर अस्पताल निर्माण कार्य शुरू भी हो गया है।
गांव में अस्पताल और किसी तरह की स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने से गांव के लोगों की परेशानी को देखते हुए गुरुसुख दास ने अपनी जीवन भर की जमा पूंजी लाखों रुपए की राशि दान की है। बता दें कि गुरुसुख गांव में तालाब के पास स्थित मकान में अकेले निवास करते हैं। पत्नी सोनाबाई का 18 मई 2021 को निधन हो गया। उनके कोई बच्चे नहीं हैं। इसलिए पत्नी की मौत के बाद अब अपनी पूरी संपत्ति को परमार्थ की सेवा में लगाने के लिए निर्णय लिया है। गांव में अस्पताल बनाने के लिए दानदाता गुरुसुख दास ने ग्राम प्रमुखों, सरपंच तथा अन्य वरिष्ठों के साथ कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कलेक्टर, प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर इसकी सहमति ली है। मुख्यमंत्री बघेल ने इस काम की सराहना भी की।