अंबिकापुर: सरगुजा के डिगमा पंचायत में पदस्थ सचिव के गबन के आरोप बर्खास्त आवेदक के आवेदन पर राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने कार्यवाही को दूषित माना है। उन्होंने आवेदक को बहाल करने की अनुशंसा करने के साथ-साथ तत्कालीन जिला पंचायक सीईओ कुलदीप शर्मा, जनपद पंचायत सीईओ सुरेश्वर नाथ तिवारी और तत्कालीन पंचायत सदस्य व जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता सहित 6 लोग शामिल हैं।
दरअसल सचिव राजलता धुर्वे पर आर्थिक गड़बड़ी का आरोप था। शिकायत मिलने पर जांच की टीम गठित हुई और शिकायत को सही पाया गया। जिसके बाद बर्खास्तगी की अनुशंसा के साथ पंचायत की सामान्य सभा में मामला रखा गया और सामान्य सभा ने बर्खास्तगी का अनुमोदन कर दिया।
महिला सचिव इस कार्यवाही के खिलाफ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग गई, जहां सचिव एच के सिंह उइके ने उनकी ओर से कार्यवाही की अनुशंसा की। उन्होंने अपनी अनुशंसा में लिखा है- आवेदिका को जातिगत आधार पर तथा अनावेदक गणों द्वारा गलत ढंग से शिकायत करना, ब्लैकमेलिंग करना,जाँच कराने के लिए जिम्मेदार मानते हुए आईपीसी और एक्ट्रेसिटी के तहत कार्यवाही करने तथा आवेदिका को सेवा में बहाल करने की अनुशंसा की जाती है।