रायपुर : विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एक्सप्रेस वे के निर्माण में लापरवाही के मामले में बुधवार को सदन में मामला उठाया गया. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक धर्मजीत सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान रायपुर के एक्सप्रेस-वे के निर्माण में गड़बड़ी का मामला उठाया. सदन में मामला उठने के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री ने 6 अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा की. इसके साथ ही मंत्री ने कंसल्टेंट से 1.18 करोड़ रूपये की वसूली का नोटिस जारी किया है.
सदन में धरमजीत ने कहा कि एक्सप्रेस-वे निर्माण में अनियमितता की जांच किस स्तर के अधिकारी और समिति से कराई गई. जांच में किन-किन को दोषी पाया गया, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई. उन्होंने निर्माण कार्य में शामिल 6 अधिकारियों के निलंबन की सदन में मांग की.
जिसके जवाब में पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि एक्सप्रेस वे की मुख्य तकनीकी परीक्षक से जांच कराई गई है. कार्यवाही प्रचलन में है. वर्तमान में एक्सप्रेस वे का कुछ भाग क्षतिग्रस्त हुआ है जिसका सुधार कार्य प्रगति पर है. ठेकेदार से दोबारा काम कराया जा रहा है. उन्होंने 6 अधिकारियों के निलंबन के साथ ही कंसल्टेंट कंपनी से 1.18 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिसा जारी करने की घोषणा की.
बता दें कि भाजपा शासन काल में रायपुर रेलवे स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट तक इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया था. इसके निर्माण के लिए नैरो गेज की रेल लाइन को यहां से हटाया गया था. इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के कुछ समय बाद ही इसके स्लैब गिरने लगे और यह ढांचा जगह-जगह से तिरछा होने लगा था, जिसके बाद एक्सप्रेस-वे के घटिया निर्माण को लेकर शासन ने जांच कमेटी का भी गठन किया था. जांच में कई खामियां पाई गई थी. हाल ही में जांच रिपोर्ट शासन के पास भेजी जा चुकी है. इस रिपोर्ट में जिम्मेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई किए जाने की सिफारिश की गई थी. करीब 300 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे एक्सप्रेस वे में तेलीबांधा ब्रिज का हिस्सा 11 अगस्त 2019 को धसक गया था. इसके बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री ने मुख्य तकनीकी परीक्षक को जांच का जिम्मा सौंपा था. एनआईटी के एक्सपर्ट ने इसकी जांच की थी.