रायपुर: छत्तीसगढ़ के सशस्त्र बल के माना स्थित सेंटर में पुलिस स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और डीजीपी डीएम अवस्थी के अलावा अन्य बड़े अधिकारी भी उपस्थित थे। परेड की सलामी के बाद अतिथियों ने शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। आपको बता दें कि लद्दाख में चीनी फौज के साथ 21 अक्टूबर 1959 को हुई मुठभेड को सुरक्षा बलों के शौर्य और पराक्रम के इतिहास में सबसे अहम माना गया है। उस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के वीर जवानों की शहादत की याद में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।
हम चैन की नींद सो पाते हैं क्योंकि आप हमारी सुरक्षा करते हैं
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अपने उदबोधन में कहा कि हम सुख की नींद सोते हैं कि क्योंकि पुलिस रातभर जागकर पेट्रोलिंग करती है। कोरोना की वजह से कई पुलिसकर्मियों की जान गयी फिर भी पुरूष और महिला दोनों की पुलिसकर्मी ने डटकर अपना काम किया। मैं उनके इस जज्बे को सलाम करती हूं।
पुलिस का कार्य अधिक प्रतिष्ठित
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि पुलिस अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरों की सुरक्षा में लगी रहती है। यह कार्य अधिक प्रतिष्ठित और उनका यह जज्बा उन्हें अन्य रोजगार के मुकाबले ज्यादा सम्मान दिलाता है। हमारे समाज में शहीद का योगदान सर्वोच्च होता है और सरकार के साथ-साथ यह समाज की भी जिम्मेदारी है कि शहीद के परिवार की देखभाल करें। सुरक्षा बल के जवान हमारी सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। मैं शहीदों के परिवारजनों को भी नमन करता हूं।
छत्तीसगढ़ की सरकार सदैव जवानों के साथ खड़ी है
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सली आत्मसर्मपण कर रहे हैं। यह पुलिस की कोशिशों का नतीजा है कि आज नक्सली घटनाओं में 47 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि मैं शहीदों को नमन करता हूं और उनके परिवार को विश्वास दिलाता हूं कि छत्तीसगढ़ सरकार सदैव जवानों के साथ खड़ी है तथा उनकी सहायता के लिए हमेशा तत्पर है ।