जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की कलह अब खुलकर सामने आने लगी है। रविवार को उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने खुलकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सचिन के अनुसार उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है, जिससे साफ जाहिर होता है कि गहलोत सरकार अल्पमत में आ चुकी है। वहीं मीडिया की खबरों का खंडन करते हुए गहलोत सरकार ने दावा किया है कि उनकी पार्टी को किसी से भी खतरा नहीं है और उनका कार्यकाल पूरा होगा।
पार्टी नेतृत्व ने भी माना, पायलट ने बदल लिया पाला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गयी है। जिसमें यह स्पष्ट हो जाएगा कि गहलोत सरकार बच पाएगी या गिर जाएगी। ऐसा भी बताया जा रहा है कि मीडिया के सामने सभी विधायकों की परेड कराई जाएगी। ऐसा बताया जा रहा है कि सचिन पायलट से कहा जा रहा है कि वह मीडिया में यह जानकारी साझा करें कि उनकी सोनिया-राहुल गांधी में पूरी आस्था है और वह कंाग्रेस के साथ बने रहेंगे। यही नहीं वो जो भी फैसला करेंगे वह उन्हें स्वीकार होगा। हालांकि सचिन की ओर से ऐसा कोेई बयान नहीं आया। सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व भी यह मान रही है कि सचिन पायलट ने पार्टी बदलने का मन बना लिया है।
कांग्रेस विधायक दल बैठक में नहीं होंगे शामिल
पायलट ने यह साफ कह दिया है कि वह सोमवार को होने वाले विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। वहीं कांग्रेस ने भी यह मान लिया है कि उनके साथ 8 से अधिक विधायक नहीं जाएंगे। जिन विधायकों को साथ ले जाने की कोशिश की जा रही है, उनसे बात की जाएगी। सचिन पायलट ने कहा कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने राजस्थान में आए इस संकंट को टालने के लिए अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है।