भोपाल:
मध्यप्रदेश के भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम कर्मचारी को बैट से पीटने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जताई है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में मोदी ने कहा, ‘‘मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि इस घटना के पीछे किसका बेटा है। किसी भी तरह का दुर्व्यवहार और घमंड बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मनमानी नहीं चलेगी। जिन लोगों ने उसे (आकाश को) प्रोत्साहित किया, उन्हें भी पार्टी से निकाला जाना चाहिए।’’ आकाश को 29 जून की शाम को जमानत मिली थी।
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी इस तरह के गलत काम करता है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। यह बात सब पर लागू होती है। गलत बर्ताव से पार्टी की छवि खराब होती है।’’
भाजपा सांसदों के दल को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘जिन लोगों ने इस मामले में जमानत पर रिहा हुए आकाश विजयवर्गीय का स्वागत किया है, उन्हें पार्टी में रहना का हक नहीं है। सभी को पार्टी से निकाल देना चाहिए।’ सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने आकाश विजयवर्गीय मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि इस तरीके की घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए। ये पार्टी और देश के हित में नहीं है।
आकाश विजयवर्गीय के समर्थन में मुहिम चलाई थी
बता दें कि भाजपा नेताओं के एक गुट से विधायक आकाश विजयवर्गीय के समर्थन में मुहिम चलाई थी। सोशल मीडिया पर आकाश विजयवर्गीय को क्रांतिकारी और महिलाओं का रक्षक के तौर पर पेश किया गया था। उसकी हिंसक कार्रवाई को उचित ठहराया गया था। इंदौर शहर में ‘सेल्यू आकाश’ के पोस्टर्स लगाए गए थे और भाजपा नेताओं ने सड़क पर आकर प्रदर्शन भी किया था।
समर्थकों ने 5 हवाई फायर किए
जमानत की जानकारी मिलने के बाद शनिवार शाम उनके समर्थकों ने खुशी में हवाई फायर किए। एक के बाद एक पांच गोलियां चलाईं। गोलियों की आवाज से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। इस मामले से पुलिस पूरी तरह से अनजान बनी रही। बाद में संयोगितागंज थाने में केस दर्ज कर किया गया।
मामला क्या है
एक जर्जर मकान को तोड़ने के लिए 2018 में आदेश जारी हुए। इसके बाद कई बार नोटिस दिए गए। 26 जून को निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस टीम के साथ जर्जर मकान को ढहाने के लिए पहुंचे। आकाश विजयवर्गीय चाहते थे कि यह कार्रवाई रोक दी जाए परंतु नगर निगम कार्रवाई रोकने को तैयार नहीं था। बस इसी से नाराज आकाश विजयवर्गीय ने मौके पर मौजूद सरकारी अधिकारी को क्रिकेट से बैट से पीट दिया। बाद में दलील दी गई कि निगम अधिकारी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे इसलिए आकाश ने हिंसक कार्रवाई की परंतु इस मामले में अब तक ना तो किसी महिला ने शिकायत की है और ना ही आकाश विजयवर्गीय अपने आरोप प्रमाणित कर पाए हैं।