नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। मंगलवार को देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, सभी का यही सुझाव है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं। सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा। इससे पहले कई राज्य 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर चुके थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं। पीएम ने कहा कि जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम उठा लिया था। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया बल्कि जैसे ही समस्या दिखी उसे तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का प्रयास किया।
अगले एक सप्ताह बढ़ेगी सख्ती
उन्होंने आगे कहा कि अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी।
20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है,ये देखा जाएगा।
20 अप्रैल से कुछ ज़रूरी गतिविधियों की मिल सकती है अनुमति
पीएम ने कहा कि अब हमें नए क्षेत्रों में कोरोना नहीं फैलने देना है। हमें हॉटस्पॉट को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी। नए हॉटस्पॉट का बनना हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा। जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पॉट में नहीं होंगे, और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कल विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
गरीबों और किसानों का रखा गया ध्यान
मोदी ने कहा कि जो रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, वो मेरा परिवार हैं। मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना है। उन्होंने कहा कि अब नई गाइडलइंस बनाते समय भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। इस समय रबी फसल की कटाई का काम भी जारी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर, प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत है।
हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर
पीएम ने कहा कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जहां जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए सिर्फ एक लैब थी, वहीं अब 220 से अधिक लैब्स में टेस्टिंग का काम हो रहा है। भारत में आज हम एक लाख से अधिक बेड की व्यवस्था कर चुके हैं। इतना ही नहीं, 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं। इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आज भारत के पास भले सीमित संसाधन हों, लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से विशेष आग्रह है कि विश्व कल्याण के लिए, मानव कल्याण के लिए, आगे आएं कोरोना की वैक्सीन बनाने का बीड़ा उठाएं।
पीएम मोदी ने बताई ये सात बातें
- पहली बात- अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें- विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें एक्स्ट्रा केयर करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है।
- दूसरी बात- लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें , घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
- तीसरी बात- अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी,
काढ़ा, इनका निरंतर सेवन करें। - चौथी बात- कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप्प जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस एप्प को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।
- पांचवी बात- जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें।
- छठी बात- आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें।
- सातवीं बात- देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर- नर्सेस, सफाई कर्मी-पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें।
पीएम ने मुख्यमंत्रियों को दिया था भरोसा
दो दिन पहले उन्होंने मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए बातचीत की थी और लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए थे। इसमें अधिकतर राज्यों ने कहा था कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं, उससे ये खतरा मंडरा रहा है कि कम्युनिटी संक्रमण बढ़ सकता है ऐसे में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्रियों से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि लॉकडाउन की बात करते हुए मैंने कहा था कि जान है तो जहान है। जब मैंने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था तो शुरू में बल दिया था कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत जरूरी है। देश के अधिकतर लोगों ने इस बात को समझा और घरों में रहकर अपना दायित्व भी निभाया। साथ ही पीएम ने मुख्यमंत्रियों को भरोसा दिलाया कि राज्यों से मिले सुझावों पर गौर किया जाएगा। बता दें कि ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्य में लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक कर बढ़ा दी थी।