उत्तर प्रदेश: एक परिवार जहां पांच बेटियों ने जन्म लिया वो अब चर्चा में आ गया है। चर्चा का कारण भी ये पांच बेटियां ही हैं। ये मामला है यूपी के बरेली जिले की फरीदपुर तहसील का है जहां चंद्रसेन सागर और मीना देवी के घर में पांच बेटियों ने एक-के-बाद-एक जन्म लिया।
परिवार में इन बेटियों का हर्षपूर्वक स्वागत हुआ लेकिन उनके आसपास के लोगों ने उन्हें बेटियों के नाम से ताना देना शुरू कर दिया। लोगों ने ताने देते हुए कहा कि क्या इतनी बेटियों को आईएएस बनाओगे। भले ही यह बात लोगों ने ताने के रूप में कही लेकिन यह बात सालों बाद सच हो गई। चंद्रसेन सागर की पांच बेटियों में से तीन बेटियां अधिकारी हैं जबकि दो बेटियां इंजिनियर हैं। तीन अधिकारी बेटियों में से दो बेटियां आईएएस और तीसरी बेटी आईआरएस अधिकारी है।
बेटियों के अफसर बनाने में जहां बेटियों की कड़ी मेहनत शामिल है तो वहीं उनकी मां मीना देवी का भी काफी योगदान है। मीना बताती हैं कि बेटियों की शुरुआती पढ़ाई बरेली के सेंट मारिया कॉलेज से हुई। उसके बाद उत्तराखंड, इलाहाबाद और दिल्ली से बेटियों ने बाकी की पढ़ाई पूरी की।
फिर आगे की तैयारी के लिए तीनों बेटियों ने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की पढ़ाई की। परिवार के मुखिया चंद्रसेन बताते हैं कि उनकी पहली बेटी अर्जित सागर ने 2009 में यूपीएससी परीक्षा पास की। जिसके बाद उनकी पोस्टिंग जॉइंट कमिश्नर कस्टम मुंबई में हो गईं।
फिर अर्जित की शादी आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से हुई। उनके पति भी आईएएस अफसर हैं। फिर 2015 में दूसरी बेटी अर्पित को सफलता मिली और वो अब वालसाड़ में डीडीओ पर तैनात हैं। जबकि तीसरे और चैथे नंबर की बेटी अश्विनी और अंकिता इंजिनियर हैं और मुंबई और नोएडा में प्राइवेट जॉब कर रही हैं।
इसके बाद चंद्रसेन की पांचवी और सबसे छोटी बेटी आकृति सागर ने 2016 में जल बोर्ड की डायरेक्टर के रूप में सफलता हासिल की। वहीँ, बेटियों की इस सफलता और प्रेरणा का स्रोत उनके मामा रहे। ये बेटियां बताती हैं कि यूपीएससी की तैयारी करने के लिए उन्हें उनके मामा ने तैयार किया और मोटिवेट करते हुए आगे बढ़ने की सलाह दी।
दरअसल, बेटियों के मामा अनिल कुमार वर्ष 1995 बैच के पश्चिम बंगाल काडर के आईपीएस अधिकारी रह चुके थे। मामा को देखते हुए बड़ी हुई बेटियों को भी अपने मामा की तरह ही बड़ा अफसर बनना था जिसमें यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान उनकेमामा अनिल कुमार ने काफी सहयोग किया।