जगदलपुर: रावघाट से जगदलपुर तक रेल लाइन बिछाने का काम जल्द शुरू कराने हाथों में तख्तियां लेकर सैकड़ों लोग अंतागढ़ से जगदलपुर तक मार्च पर निकले हैं। सात दिनों में 130 किलोमीटर का सफर तय कर बस्तर रेल आंदोलन से जुड़े लोग भानपुरी पहुंच चुके हैं। पदयात्रा में शामिल लोगों का कहना है कि अब आंदोलन पर ब्रेक नहीं लगेगा और बस्तर रेलवे ट्रैक लेकर ही रहेगा। बड़ों सहित छोटे बच्चे भी तख्ती लेकर आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।
बता दें कि बस्तर में रावघाट से जगदलपुर तक रेल परियोजना का काम कई सालों से अटका पड़ा है। रायपुर से अंतागढ़ तक रेल लाइन बिछाने का काम पहले चरण में पूरा हो गया है। वहीं अंतागढ़ से जगदलपुर तक का काम अटका है। भूमि अधिग्रहण और नक्सल समस्या की वजह से काम आगे नहीं बढ़ पाया है। केंद्र का कहना है भूमि अधिग्रहण नहीं किया गया है। साल 2022 तक रावघाट से लेकर जगदलपुर तक करीब 141 किमी तक पटरियां बिछनी थीं।
3 अप्रैल को अंतागढ़ से पदयात्रा की शुरुआत
बस्तर रेल आंदोलन को सभी समाजों का समर्थन मिल रहा है। शनिवार को आज पदयात्रा भानपुरी पहुंची है। पदयात्रा में दशरथ कश्यप, किशोर पारख, संपत झा, पुरुषोत्तम नोयल, शंकर लाल गुप्ता, जीतू गोलछा, रोहित सिंह बेस, किशोर दुग्गड़, अजय जैन, राजा कोष्टा, गजेंद्र चांडक, अनिल केला, मनीष ईनाणी, किसान मित्र संघ से सिंगा दसरू, हिड़मो समलु, परदेशी, बुधराम, पीलू, दिनेश कुमार, लक्ष्मण दिनेश बोनजा, मासाराम सहित सैकड़ों लोग शामिल हैं।
अब 40 किलोमीटर की दूरी तय करना बाकी
यह पदयात्रा 3 अप्रैल को अंतागढ़ से शुरू हुई है। अंतागढ़ से जगदलपुर तक करीब 170 किमी का यह मार्च है। 130 किमी की दूरी तय कर ली गई है। अब लगभग 40 किमी की दूरी तय करनी बाकी है। 12 अप्रैल की सुबह पदयात्रा में शामिल लोग जगदलपुर पहुंचेंगे। आज भानपुरी में रात्रि विश्राम के बाद सभी कल सुबह बस्तर के लिए निकलेंगे। पदयात्रा के दौरान गांवों में रेल आंदोलन से बच्चे, महिलाएं, पुरुष व बुजुर्ग भी जुड़ रहे हैं।