बिलासपुर: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आबकारी उप-निरीक्षक के लिए 22 पदों पर भर्ती विज्ञापन जारी किया गया था। जिसे बाद में बढ़ाकर 44 पद कर दिया गया था। जिस पर दो अभ्यर्थियों ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने कहा है कि शारीरिक मापदंडों के आधार पर उम्मीदवारी से वंचित किया गया है। इस मामले में अभी सुनवाई बची हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार रुद्री, धमतरी निवासी आदित्य कुमार एक्का और ग्राम बोदा डीह, बलौदा बाजार निवासी तोप लाल सिदार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में लिखा है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने 10 अक्टूबर 2018 को आबकारी उप निरीक्षक के 22 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। जिसके बाद 28 मई 2019 को आयोग ने इसमें संशोधन करते हुए पद की संख्या बढ़ा कर 40 कर दी।
अभ्यर्थियों ने भर्ती परीक्षा पास कर ली जिसके बाद उन्हें आबकारी आयुक्त रायपुर के कार्यालय द्वारा शारीरिक मापदंडों के परीक्षण व दस्तावेजों के सत्यापन के लिए 6 मई 2020 को बुलाया गया। जरूरी परिक्षण करने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया। 29 मई 2020 को आबकारी आयुक्त ने ऊंचाई निर्धारित मानदंडों के अनुसार न होने का हवाला देते हुए उनकी भर्ती निरस्त कर दी।
अभ्यर्थियों ने बताया कि गलत तरीके से माप होने के कारण उनका सेलेक्शन नहीं हो पाया। शासन के नियम के अनुसार 165 सेंटीमीटर की ऊंचाई होनी चाहिए। जब दोनों ने परीक्षण कराया तब ऊंचाई 164 सेंटीमीटर मापी गई, जिसके कारण उन्हें योग्य नहीं माना गया। अभ्यर्थियों ने अपनी याचिका में लिखा है कि उनकी ऊंचाई 165 सेंटीमीटर ही है, लेकिन गलत तरीके से माप लेने पर यह 164 सेंटीमीटर आई है जो अवैधानिक है। इस मामले में अभी सुनवाई की तारीख हाईकोर्ट में निर्धारित नहीं की है।