रायपुर: छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में पिछले 30 दिनों से आंदोलन कर रहे किसान 3 फरवरी को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी से मिलना चाहते हैं। संघ के 10 पदाधिकारी राहुल गांधी को मिलकर अपनी व्यथा बताना चाहते हैं। संघ ने सरकार के मंत्रियों व वरिष्ठ अफसरों को पत्र लिखकर मुलाकात कराने का आग्रह किया है। संघ का कहना है कि 11-12 रुपये प्रति वर्ग फीट की दर पर किसानों से जमीन ली गई और अब उसे अथॉरिटी 1700 रुपये वर्गफीट में बेच रही है। भू-अर्जन व व्यवस्थापन अधिनियम का पालन नहीं किया गया। चार गुना मुआवजा भी किसानों को नहीं दिया जा रहा है। इस अन्याय के खिलाफ किसानों का शांतिपूर्ण आंदोलन जारी है। किसान अब अन्याय नहीं सहेगा। अगर मुलाकात नहीं कराई गई तो नवा रायपुर क्षेत्र के किसान सड़क पर बैठ जाएंगे।
बता दें कि राहुल गांधी 3 फरवरी को छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। नवा रायपुर के राज्योत्सव स्थल पर उनके कार्यक्रम की तैयारी चल रही है। इधर नवा रायपुर में ही नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के बैनर तले 27 गांवों के किसान नवा रायपुर में आंदोलन कर रहे हैं। सहयोग और समर्थन से किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। आंदोलन स्थल पर हर दिन हजारों लोगों के लिए भोजन भी बन रहा है। आंदोलन में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवा सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल हो रहे हैं। किसानों के साथ प्रदेश सरकार की कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन कोई सकारात्मक पहल अब तक नहीं हो पाया है। पिछले दिनों सरकार के मंत्रियों मो. अकबर, शिव डहरिया, मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अफसरों की मौजूदगी में मंत्रणा की गई, जिसमें कमेटी गठन करने की बात कही गई है। किसानों का कहना है कि कमेटी गठन से बात नहीं बनेगी बल्कि सार्थक पहल होनी चाहिए। इधर मुलाकात नहीं कराने पर किसान संघ द्वारा बड़े आंदोलन की तैयारियों की भी चर्चा है।
26 जनवरी को निकाली थी ट्रैक्टर रैली
नवा रायपुर प्रभावित किसान संघ के बैनर तले किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली थी। रैली में प्रभावित 27 गांवों के हजारों किसान शामिल हुए। रैली मंत्रालय, संचालनालय सहित सेक्टर के कई इलाकों से होकर गुजरी थी। रैली में शामिल किसानों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण के समय प्रदेश सरकार ने जो वादा किया है, उसे आज तक पूरा नहीं किया है। किसानों ने कहा कि सिर्फ वार्ता नहीं ठोस पहल चाहिए। उनका कहना है कि वे सिर्फ अपना हक मांग रहे हैं। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन को कई संगठनों का समर्थन भी मिल रहा है। इधर किसानों के लगातार आंदोलन से सरकार की भी चिंता बढ़ गई है, क्योंकि किसानों के दम पर ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता मिली है।
नवा रायपुर के किसानों की यह है मांग
राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रुपन चंद्राकर ने बताया कि नवा रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी, आवासीय और व्यावसायिक भूखंड पात्रतानुसार निःशुल्क मिलने का प्रावधान का पालन किया जाए। भू-अर्जन कानून के तहत हुए अवार्ड में भूस्वामियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ है। उन्हें बाजार मूल्य से 4 गुणा मुआवजा मिले। नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए। वार्षिकी राशि का पूर्ण रूपेण आवंटन किया जाए। पुनर्वास पैकेज-2013 के तहत सभी वयस्कों को मिलने वाला 1200 वर्गफीट प्लॉट दिया जाए। साल 2005 से भूमि क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए एवं आबादी से लगी गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यावसायिक परिसर को 75% प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए।