नई दिल्ली: चीन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में कोरोना केसों के बढ़ने के साथ अब भारत में भी संक्रमण को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई है। इस बीच सूत्रों ने दावा किया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय न्यू ईयर और आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए कोरोना संबंधी नई एडवायजरी जारी कर सकता है।
जानकारी के मुताबिक, यह इंट्रानेजल वैक्सीन व्यापक रूप से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करने में सहायक होगी। सार्स-सीओवी-2 जैसे कई वायरस सामान्यतौर पर म्यूकोसा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। यह नाक में मौजूद एक ऊतक है। वायरस म्यूकोसल झिल्ली में मौजूद कोशिकाओं और अणुओं को संक्रमित करते हैं। ऐसे में नेजल शॉट के माध्यम से वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही खत्म किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इंट्रानेजल वैक्सीन शॉट इम्युनोग्लोबुलिन ए (IgA) का उत्पादन करते हैं, जो वायरस के प्रवेश की साइट यानी नाक में ही मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करके वायरस को बढ़ने से रोक सकते हैं।
ये बातें इस वैक्सीन को बनाती हैं बेहद खास
भारत बायोटेक द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक यह नेजल वैक्सीन, अब तक प्रयोग में लाई जा रही अन्य वैक्सीन्स से काफी अलग और प्रभावी है। कुछ बातें इसे बेहद खास बनाती हैं।
- यह वैक्सीन चूंकि नाक के माध्यम से दी जाती है जो नाक के भीतर प्रतिरक्षा प्रणाली तैयार करके वायरस के प्रवेश करते ही उसे निष्क्रिय कर देगी।
- अब तक दी जा रही वैक्सीन्स से अलग, इसके लिए निडिल की आवश्यकता नहीं होगी।
- इसे उपयोग में लाना भी आसान है घर पर भी इसको प्रयोग किया जा सकेगा। इसके लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की आवश्यकता भी नहीं है।
- सुई से संबिधित जोखिमों जैसे संक्रमण, या वैक्सीनेशन के बाद होने वाले दर्द से मुक्ति मिलेगी।
- बच्चों और वयस्कों के लिए आदर्श रूप से उपयुक्त है।
- सबसे खास बात यह वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही मारने की क्षमता वाली है, ऐसे में इससे शरीर के अंगों को होने वाली समस्याओं का जोखिम नहीं होगा।