दलपुरा: मध्य प्रदेश के एक गांव में दिलचस्प किस्सा सामने आया है। वहां पर एक बंदर के अंतिम संस्कार में करीब डेढ़ हजार लोग इकट्ठा हुए और पूरे गाजे-बाजे के साथ उसकी अर्थी निकाली। हालांकि अब शव यात्रा में शामिल हुए लोगों के खिलाफ बुरा दौर शुरू हो गया है।
बंदर की मौत से दुखी हो गए लोग
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के दलपुरा गांव में एक बंदर अक्सर आता जाता रहता था। इसके चलते गांव वालों को उससे लगाव हो गया था। रिपोर्ट के मुताबिक 29 दिसंबर को बंदर की मौत हो गई, जिसके बाद ग्रामीण बहुत दुखी हुए। सब लोगों ने मिलकर भगवान हनुमान के प्रतीक बंदर को धूमधाम और सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने का फैसला किया।
धूमधाम से निकाली अंतिम यात्रा
इसके बाद चंदा इकट्ठा करके गाजे-बाजे के साथ बंदर की अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान भगवान हनुमान से जुड़े भजन गाए गए। शमसान घाट में ले जाकर बंदर को रीति-रिवाजों के साथ भू-समाधि दे दी गई। अंतिम संस्कार के बाद ग्रामीणों ने मृत्यु भोज का आयोजन किया, जिसके लिए गांव के प्रांगण में बड़ा टैंट लगवाया गया। इस टैंट में करीब 1500 लोगों ने साथ बैठकर भोजन किया। भोज में शामिल कई लोगों ने बंदर के शोक में अपने सिर मुंडवा रखे थे।
प्रशासन ने दर्ज किया केस
हालांकि जब इस मृत्यु भोज की जानकारी बाहर आई तो जिला प्रशासन ने अज्ञात भीड़ के खिलाफ कोरोनो प्रोटोकॉल के उल्लंघन का मामला दर्ज कर 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद ग्रामीणों डर घुस गया है और वे अपने घरों को छोड़कर इधर-उधर छिप गए हैं।