मयूरभंज: भले ही हम 21वीं सदी में जी रहे हैं पर देश के ऐसे कई हिस्से हैं, जहां आज भी अंधविश्वास और पुरानी मान्यतााओं को माना जाता है। मयूरभंज में ऐसी ही मान्यता है, जहां बच्चे के दांत समय से पहले आ जाएं तो लड़के की शादी मादा और लड़की की शादी नर कुत्ते से करा दी जाती है। ऐसा ही एक नजारा सुकरौली ब्लाॅक के गंभरिया गांव में नजर आया। जहां दो परिवारों ने बच्चों के दांत समय से पहले आने पर दो मादा कुत्तों से उनकी शादी करा दी।
बच्चों की शादी कराने वाले अभिभावक का नाम डेबेन चत्तर और नोरेन पूर्ति है। उनका कहना है कि उन्होंने यह शादी अपशकुन दूर करने के लिए की है। बताया जा रहा है कि मकर संक्राति से शिवरात्रि के बीच इस परंपरा का पालन किया जाता है। पूर्ति ने इस परंपरा को निभान के लिए बकायदा अपने बेटे का विवाह समारोह आयोजित किया था। बच्चों को दूल्हा बनाया गया और कुत्ते को दुल्हन। इस परंपरा को निभाने के लिए गांव के अन्य लोग भी शामिल हुए थे।
जब इस बारे में पुलिस अधिक्षक से बात की तो उन्होंने कहा लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए ठोस कदम उठाने पड़ेंगे। आपको बता दें कि ओड़िशा में बच्चों की शादी पेड़ से भी कराने की परंपरा है।