Movie-Review | डॉ. फ्रेडी गिनवाला बनकर कार्तिक ने किया दंग, डंेटिस्ट और किलर बनकर जीता फैंस का दिल, जानिए कैसी है फिल्म

नई दिल्लीः शशांक घोष द्वारा निर्देशित कार्तिक आर्यन और अलाया एफ स्टारर ‘फ्रेडी’ शुक्रवार को OTT प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो चुकी है। इस फिल्म का ट्रेलर जब से सामने आया था तब से ही यह चर्चा में थी। वहीं अब फिल्म के सामने आने के बाद एक बार फिर कार्तिक आर्यन अपने कभी न देखो गए अवतार से लोगों का दिल जीत रहे हैं। यह फिल्म कार्तिक आर्यन द्वारा निभाए गए डेंटिस्ट डॉ. फ्रेडी गिनवाला के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है। जो एक शर्मीला और सामाजिक रूप से अजीब व्यक्ति है। हालांकि इस किरदार का ग्रे शेड तब सामने आता है जब वह प्यार में पड़ता है और सीन दर सीन लोगों को हैरत में डालता चला जाता है।

पूरी तरह पकड़कर रखने वाली फिल्म
फिल्म काफी इंटरेस्टिंग है। पहले दृश्य से ही, यह दर्शकों के बीच जिज्ञासा का एक बीज रोपती है। जो हर सीन के बाद किसी पौधे की तरह बढ़ता जाता है। पूरी फिल्म में कहानी डेंटिस्ट डॉ. फ्रेडी गिनवाला का अजीब किरदार के साथ खेलना जारी रखती है। एक मिनट के लिए भी यह आपको जम्हाई लेने या अपनी आंख झपकने नहीं देती। बल्कि, यह आपको यह सोचने पर मजबूर करती है कि आगे क्या हो सकता है या क्या होगा। फिल्म की कहानी को दर्शक के दिल तक उतरने में कई माध्यमों से बेहतरीन काम लिया गया है, जैसे- उदास संगीत, मंद रोशनी का उपयोग और डॉ. फ्रेडी की हरकतें।

कार्तिक ने किया खुद को एक्सप्लोर
अब तक ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’, ‘प्यार का पंचनामा’ और ‘भूल भुलैया 2’ में काफी बातूनी, शरारती और तेज तर्रार स्वाभाव में नजर आने कार्तिक इस फिल्म में अपनी एक्टिंग को गजब तरीके से एक्सप्लोर करते दिख रहे हैं। ‘फ्रेडी’ ने कार्तिक आर्यन को पहले कभी न देखे गए अवतार में पेश किया है। उन्होंने कुछ नया करने की कोशिश की है और इसे पूरी ईमानदारी के साथ किया है। अतीत में उनके द्वारा निभाई गई किसी भी अन्य भूमिका के विपरीत, कार्तिक इस फिल्म में एक शर्मीले, अकेले और सामाजिक रूप से अजीब व्यक्ति के रूप में परफेक्ट दिख रहे हैं। वह शांत है और वह जो अपने रुटीन के कामों से भी जिज्ञासा पैदा करने में सफल हुए हैं।

शशांक के डायरेक्शन में है दम
इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आप इसे देखते हुए कहीं भी भविष्यवाणी नहीं कर सकते कि डॉक्टर फ्रेंडी क्या करने की कोशिश कर रहा है और यह आपको और भी उत्सुक बनाता है। फ्रेडी शर्मीला या शांत है लेकिन यह कहना भी गलत नहीं होगा कि वह एक हद तक गूंगा है। साथ ही वह बहुत होशियार है। किसी भी कीमत पर बदला लेने के लिए काफी स्मार्ट है। शशांक घोष अपने डायरेक्शन की दम पर कार्तिक के कम से कम डायलॉग में यह सब दिखाने में सफल हुए हैं। उन्होंने जिस तरह से एक अंर्तमुखी व्यक्तित्व को दिखाने के लिए बाहरी संकेतों का सहारा लिया वह गजब है। कैमरा एंगल, म्यूजिक सब कुछ कहानी को पकड़ते हुए उसे दमदार बनाता है।

अलाया एफ ने भी जीता दिल
अलाया एफ फिल्म में कैनाज उर्फ ​​फ्रेडी की प्रेमिका की भूमिका निभा रही हैं। उनका प्रदर्शन काबिले तारीफ है। उन्होंने अपना किरदार बेहद सहजता के साथ पूरा किया है। वह गर्ल नेक्स्ट डोर लग रही हैं। जब वह घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं, तो वह आपको किरदार के प्रति सहानुभूति महसूस कराती हैं। जब वह एक मजबूत महिला बनकर उभरती हैं, तो आप उसे भी फील कर पाते हैं। उन्होंने जो प्रयास किए हैं वह वाकई काबिले तारीफ हैं।

प्रीतम के म्यूजिक ने डाली जान
फिल्म का म्यूजिक भी काफी बेहतरीन है। दो गाने ‘तुम जो मिलो’ और ‘काला जादू’ लोगों की जुबान पर चढ़ने वाले हैं। वहीं पूरी फिल्म में बैकग्राउंड में सुनाई देना वाला म्यूजिक कहानी को थामकर चलता है। प्रीतम एक बार फिर खुद को साबित करते हैं।

क्लाइमेक्स में हुई कुछ गड़बड़
फिल्म के निगेटिव पाइंट की बात करें तो एकमात्र जगह जहां फिल्म में थोड़ी कमी है वह क्लाइमेक्स है। फिल्म का क्लाइमेक्स थोड़ा और बेहतर हो सकता था। यहां स्क्रिप्ट को थोड़ा ढ़ीला लिखा गया है और लग रहा है जैसे फिल्म को जल्दबाजी में समेटा जा रहा है। अंत थोड़ा अटपटा लगता है। यहां फिल्म किसी बड़े धमाके के साथ खत्म नहीं होती बल्कि आपको बीच में लटका देती है। लगता है फिल्म अचानक खत्म हो गई है। हो सकता है कि मेकर्स इसे ऐसे ही चाहते हों लेकिन एक दर्शक के तौर पर इसे देखना काफी परेशान करने वाला है।

देखें या ना देखें
तो कुल मिलाकर ‘फ्रेडी’ एक देखने लायक फिल्म है। आप पूरी फिल्म के दौरान कई बार चौकेंगे, कार्तिक के लिए सीटियां बजाने का मन करेगा। उनका बिल्कुल नया अवतार आपको जरूर पसंद आएगा। अलाया एफ सोने पर सुहागा का काम कर रही हैं। लेकिन फिल्म के अंत के बाद आप फिर कभी भी किसी डेंटिस्ट के पास जाने से डर सकते हैं, लेकिन यह मजेदार है।

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