गरियाबंद: कर्ज के बकाया पैसों के लिए प्राइवेट बैंक के कर्मचारी लगातार ग्रामीण पर दबाव बना रहे थे। वह इस तनाव को सह नहीं पाया और फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। उसका शव जंगल में एक पेड़ से लटकता हुआ मिला। बताया जा रहा है कि एक दिन पहले बैंक के कर्मचारी आकर ग्रामीण को धमकी देकर गए थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार नेहरू लाल नंदे एक जेसीबी ड्राइवर था। कुछ महीनों पहले उसने समूह के माध्यम से एक प्राइवेट बैंक से कर्ज लिया था। वह उसकी किस्ते जमा ही नहीं कर पा रहा था। जिसके बाद बैंक ने उस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। एक ही पहले ही बैंक के कर्मचारी उस पर बकाया रकम के लिए धमकी देने पहुंचे थे। अगले ही दिन नेहरू ने जंगल का रूख किया और फांसी लगाकर खुद की जान ले ली।
नेहरू की पत्नी ने बताया कि जब बैंक कर्मचारी धमकाने आए थे तो वह घर पर नहीं था। बैंक कर्मचारी उसका रास्ता देखते वहीं रूक गए और देर रात को उसके घर से गए। अगली सुबह नेहरू की लाश पेड़ पर लटकी मिली। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।