जबलपुर: मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से मौतों का सिलसिला रुक नहीं रहा है। जबलपुर में 8 दिन में दूसरी बार ऐसी घटना हुई है। यहां के उखरी रोड पर स्थित गैलेक्सी अस्पताल में गुरुवार रात 5 कोविड मरीजों की ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से मौत हो गई। इससे भी शर्मनाक बात ये है कि जब मरीज ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने पर तड़प रहे थे तो ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और स्टाफ अस्पताल छोड़कर भाग गए।
इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर आनन-फानन में मोर्चा संभाला। तुरंत कुछ सिलेंडर की व्यवस्था कराई गई, लेकिन दो मरीजों की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। इस पूरे घटना से गुस्साए परिजन ने जमकर हंगामा किया।
गैलेक्सी हॉस्पिटल में कुल 65 कोविड संक्रमित भर्ती थे। इसमें 31 ऑक्सीजन पर थे और ICU में कुल 34 मरीज भर्ती थे। ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ने वाले महाराजपुर पटेल नगर के अमित कुमार शर्मा (42) के परिजन का कहना है कि चार दिन पहले अमित को भर्ती कराया था, क्योंकि उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था। वे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे, लेकिन गुरुवार रात डेढ़ बजे अचानक ऑक्सीजन खत्म हो गई।
अमित कुमार के साथ ही ICU में भर्ती गाडरवारा नरसिंहपुर निवासी 65 वर्षीय गोमती राय, नरसिंहपुर निवासी विमला तिवारी (48), छिंदवाड़ा निवासी आनंद शर्मा और विजय नगर के अग्रसेन वार्ड निवासी देवेंद्र कुमार (58) ने भी तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। हैरानी की बात ये है कि अस्पताल में ऑक्सीजन का बैकअप नहीं रखा गया था।
NSUI के कार्यकर्ता भी हंगामा करने पहुंच गए
मरीजों की मौत और डॉक्टर्स के अस्पताल से भागने के बाद परिजन ने हंगामा कर दिया और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद CSP दीपक मिश्रा समेत कोतवाली, लार्डगंज, विजय नगर, मदनमहल, अधारताल थाने का पुलिस बल मौके पर बुलाना पड़ा। पुलिस की एक टीम अधारताल से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर अस्पताल पहुंची। तब जाकर रात 3 बजे ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो पाई। परिजन के अलावा NSUI के कार्यकर्ता भी हंगामा करने पहुंच गए थे, हालांकि पुलिस ने समझा-बुझाकर लोगों को शांत करवा दिया। लेकिन परिजन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग पर अड़े हैं।
गैलेक्सी अस्पताल में नए मरीजों की भर्ती पर रोक
CMHO डॉ. रत्नेश कुरारिया ने बताया कि गैलेक्सी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन न मिलने के कारण कोरोना से संक्रमित 5 मरीजों की मौत का पता चला है। इसके बाद गैलेक्सी अस्पताल में नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी गई है। अस्पताल प्रबंधन से साफ कहा गया है कि कोविड मरीजों को भर्ती न करें, ऐसा करने पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।
अस्पताल की सफाई- गाड़ी पंक्चर होने से ऑक्सीजन पहुंचने में देरी हुई
वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जो गाड़ी ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चली थी, वह रास्ते में पंचर हो गई, इसलिए समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल नहीं पहुंच पाए। CMHO ने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम बना दी गई है। अगर ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से और लापरवाही से मरीजों की मौत की के सबूत मिलेंगे तो अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।
नाकामी छिपाने के लिए माइक्रो सिलेंडर में खराबी का बहाना
ऑक्सीजन सिलेंडर प्रभारी SDM अनुराग तिवारी के मुताबिक गलैक्सी हॉस्पिटल के ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम की गड़बड़ी की वजह से मरीजों की मौतें हुई हैं। माइक्रो सिलेंडर खराब होने से 20 मिनट ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई थी। हालांकि SP सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि पुलिस टीम भेजकर अधारताल से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाया गया। तब वहां भर्ती मरीजों को राहत मिल पाई थी।
जबलपुर में 15 अप्रैल को भी ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई थीं
जबलपुर के लिक्विड प्लांट में आई खराबी के चलते ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से 15 अप्रैल 5 मरीजों की मौत हो गई थी। ये सभी मरीज वेंटिलेटर पर थे। एक मौत मेडिसिटी लाइफ अस्पताल और 4 की मौतें सुख-सागर मेडिकल कॉलेज में हुई थीं।