मुंबई: महाराष्ट्र में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की गिरफ्तारी के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर एक्शन शुरू हो गया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मंगलवार सुबह अजित पवार की एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कथित बेनामी संपत्तियां जब्त की है।
इन जब्त की गई संपत्तियों में दक्षिणी दिल्ली स्थित करीबन 20 करोड़ का फ्लैट शामिल है। निर्मल हाउस स्थित पार्थ पवार ऑफिस की कीमत करीब 25 करोड़ है। जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री करीब 600 करोड़ का है। इसके अलावा गोवा में रिसोर्ट जिसका नाम निलया उसकी कीमत 250 करोड़ है। अब 90 दिन का समय अजित पवार के पास होगा यह साबित करने के लिए कि यह प्रॉपर्टीज जो अटैच की गई है वह बेनामी पैसे से नहीं खरीदी गई है।
आयकर विभाग ने पिछले महीने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य से कथित रूप से जुड़े कम से कम 70 परिसरों पर छापेमारी की थी। आयकर विभाग ने कहा था कि छापेमारी के दौरान लगभग 184 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय के सबूत मिले। छापेमारी में 2.13 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 4.32 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए थे।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 12 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। धन शोधन का यह मामला महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित वसूली गिरोह से जुड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि देशमुख (71) को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता देशमुख पूछताछ के दौरान सवालों के जवाब देने से बचते रहे।
देशमुख इस मामले में ईडी द्वारा जारी किए गए कम से कम पांच सम्मनों पर पेश नहीं हुए थे, लेकिन बंबई हाईकोर्ट के गत सप्ताह इन सम्मनों को रद्द करने से इनकार करने के बाद वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए.